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उज्जैन के महाकाल लोक में तूफान से मची तबाही, तेज आंधी से सप्तऋषि की मूर्तियां टूटकर गिरीं

New Delhi: मध्यप्रदेश के उज्जैन में बिगड़े मौसम का असर महाकाल लोक पर भी पड़ा है। आंधी के कारण महाकाल लोक की कुछ मूर्तियां गिर गईं। महाकाल लोक में लगीं सप्तऋषि की सात मूर्तियों में से छह गिरी हैं। हादसे में कई श्रद्धालु बाल-बाल बचे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बिगड़े मौसम से नुकसान का संज्ञान लिया है।

10 से 25 फीट ऊंची ये मूर्तियां लाल पत्थर और फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक (एफआरपी) से बनी हैं। इन पर गुजरात की एमपी बाबरिया फर्म से जुड़े गुजरात, ओडिशा और राजस्थान के कलाकारों ने कारीगरी की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2022 को उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के नए परिसर ‘महाकाल लोक’ का लोकार्पण किया था।

कलेक्टर कुमार पुरषोत्तम का कहना है कि बहुत तेज आंधी आने के कारण मूर्तियां पेडस्टल से नीचे गिरी हैं। लाल पत्थर और फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक से बनी इन मूर्तियाें की लाइफ 10 साल है। पत्थर की मूर्तियां बनने में समय लगेगा। फिलहाल कंपनी को ही इनका रखरखाव करना है। क्रेन की मदद से मूर्तियों को दोबारा लगवाया जाएगा। घटना के लिए जिम्मेदारी तय कर एक्शन लिया जाएगा। फिलहाल मूर्तियों को पुर्नस्थापित करने के लिए महाकाल लोक को बंद किया गया है।

जिस समय आंधी और बारिश का दौर आरंभ हुआ बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकाल लोक में मौजूद थे। रविवार होने से वैसे ही भक्तों की संख्या ज्यादा ही थी। हादसे में कई श्रद्धालु बाल-बाल बचे। महाकाल लोक के बनने के बाद उज्जैन में दर्शनार्थियों की संख्या दोगुनी हो गई थी। सुबह के समय सांदीपनि आश्रम के सामने पुराना नीम का पेड़ गिरा था, जिसमें एक कार दब गई थी।

कांग्रेस नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरूण यादव ने ट्वीट किया, ‘‘उज्जैन महाकुंभ में करोड़ों रुपये का घोटाला करने वाली भाजपा सरकार के 50 फीसदी कमीशन के चक्कर में महाकाल लोक गलियारा में लगायी गयीं करोड़ों रुपये की मूर्तियां मानसून से पहले हुई आंधी-बारिश में ही धराशायी हो गई एवं महाकाल लोक की आधी से ज्यादा कुर्सियां टूट गई हैं>’’ ट्वीट करने के बाद यादव ने कहा कि भाजपा सरकार भगवान को भी नहीं बख्श रही है और आज महाकाल मंदिर में विकास से भ्रष्टाचार की बू आ रही है>

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