New Delhi : मां मनसा देवी का प्रसिद्ध मंदिर हरिद्वार के शिवालिक पर्वतमाला पर बिलवा नामक पहाड़ी पर है। इस मंदिर में देवी की दो मूर्तियां हैं। एक मूर्ती की पांच भुजाएं एवं तीन मुंह हैं। जबकि दूसरी मूर्ती की आठ भुजाएं हैं। यह मंदिर 52 शक्तिपीठों में से एक है। हरिद्वार के “चंडी देवी” और “माया देवी” के साथ “मनसा देवी” को भी सिद्ध पीठों में प्रमुख माना जाता है | मनसा देवी को शाक्ति का एक रूप माना जाता है। नवरात्र पर्व शुरू होते ही यहां सुबह से शाम तक भक्तों भी लंबी कतार लगने लगती है। शाम के समय माता की भव्य आरती देखने के लिए भी भक्तों की भारी भीड़ रहती है।
Goddess of Serpants – #Manasa Devi
Manasa is the sister of Vasuki, king of Nagas & wife of sage Jagatkaru. She is also known as Vishahara, Nitya and Padmavati#TempleConnect #Naga #ManasaDevihttps://t.co/LrLCzvuw2X
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यह मंदिर मां मनसा देवी को समर्पित है, जिन्हें वासुकी नाग की बहन माना जाता है। सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार मां मनसा देवी माता शक्ति का ही एक रूप हैं। वो कश्यप ऋषि की पुत्री थीं और उनके मन से अवतरित हुई थीं। इसलिए वह मनसा कहलाईं। नाम के अनुसार मां मनसा देवी भक्तों की मनसा (इच्छा) पूर्ण करने वाली हैं। भक्त अपनी मनोकामना पूर्ण कराने के लिए यहां पेड़ की शाखा पर एक पवित्र धागा बांधते हैं।
भक्त अपनी इच्छा पूरी करने के लिए मंदिर प्रांगण में स्थित पेड की शाखा पर एक पवित्र धागा बाँधते हैं। जब भक्तो की इच्छा पुरी हो जाती है तो भक्त पुनः आकर उसी धागे को शाखा से खोल देते हैं। इस प्रथा से माता के प्रति असीम श्रधा, भक्ति और निष्ठा दिखाई देती है। भक्त मनसा माँ को खुश करने के लिए मंदिर में नारियल, मिठाई आदि भेंटस्वरुप चढाते हैं। यह मंदिर सिद्ध पीठ है, जहाँ इच्छित आशीर्वाद प्राप्त होता है।
मंदिर से मां गंगा और हरिद्वार के समतल मैदान अच्छे से दिखते हैं। श्रद्धालु इस मंदिर तक केबल कार से पहुंच सकते हैं। शहर से पैदल आने वालों को करीब डेढ़ किमी की खड़ी चढ़ाई चढ़ती पड़ती है। मंदिर से कुछ पहले कार या बाइक से भी पहुंचा जा सकता है।