New Delhi : Loveguru Matuknath अपनी जूली को लाने सात समुंदर पार पहुंच गए हैं। कह रहे हैं कि मैं जल्द ही जूली को लेकरपटना लौटूँगा। प्रो मटुकनाथ काफ़ी समय से जूली से अलग रह रहें थे। इसी बीच एक न्यूज चैनल ने एक खबर चलाई कि जूली बीमार हैंऔर Trinidad and Tobago में अपना इलाज करा रहीं हैं। जूली लगभग पागलपन की शिकार हैं। इस न्यूज़ को देखने के बादमटुकनाथ की अंतरात्मा जगी और वे बोरिया बिस्तर लेकर Trinidad and Tobago पहुँच गये हैं।
उन्होंने पटना हिंदुस्तान के संवाददाता से बात करते हुए कहा – पिछले दिनों जूली के एक संदेश ने उन्हें त्रिनिदाद एंड टोबैगो के सेंटगस्टीनतक पहुंचा दिया। सात मार्च को वहां पहुंचकर उन्होंने बताया कि वे जल्द ही जूली को लेकर पटना लौटेंगे। जूली पूरी तरह स्वस्थ होजाएंगी।
लवगुरु ने कहा कि गृहस्थ से होकर ही संन्यास तक का रास्ता जाता है। इसके विपरीत जूली बिना गृहस्थ आश्रम जिए संन्यास की ओरचल पड़ीं। उनके स्वास्थ्य खराब होने की यह सबसे बड़ी वजह रहीं। जूली फिर से गृहस्थ आश्रम में जीवन जीना चाहती हैं और इस वजहसे उन्होंने पटना वापस लाने का संदेश भेजा था।
मटुक नाथ ने बताया कि दरअसल जूली का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य खराब चल रहा था। मीडिया में जूली को उनके हाल परछोड़ने की खबरों का खंडन करते हुए प्रो. मटुकनाथ ने कहा कि उनके प्रति शत्रु भाव रखने वाले लोगों ने ऐसा प्रचारित करने की कोशिशकी लेकिन जूली को वापस लाने पर उनका जवाब उन्हें मिल जाएगा। वे अपने शुभचिंतकों को बताना चाहते हैं कि जूली अब चल–फिररही हैं। खाना–पीना सामान्य हो चुका है और जल्द ही पटना में रहकर स्वास्थ्य लाभ करेंगी।
जूली के भीतर वैराग्य का भाव 2014 से ही दिखने लगा था, उन्हें छोड़ा नहीं था : यादों के पन्ने पलटते हुए प्रो. मटुकनाथ ने कहा कि जूलीको उन्होंने छोड़ा नहीं था बल्कि वे उनकी निजी स्वतंत्रता के समर्थक थे। लवगुरु ने बताया कि जूली के भीतर वैराग्य का भाव 2014 से हीदिखने लगा था। वे भजनों पर नृत्य करती थीं और चिंतन–मनन में लीन रहती थीं। वर्ष 2016 तक वे आध्यात्मिक वातावरण में डूबने केलिए पटना से कभी–कभार वृंदावन, होशियारपुर व बाकी धर्मस्थलों पर जाया करती थीं। वैराग्य की ओर जूली का झुकाव उन्होंने वर्ष2016 के आरंभ में देखा। उन्होंने जूली को सलाह दी कि वो चाहें तो निश्चिंत भाव से वैराग्य जी सकती हैं। बकौल प्रो. मटुकनाथ, जूलीके मानसिक स्वास्थ्य पर वर्ष 2016 के बाद ही असर होना शुरू हुआ।
जूली पटना से मटुकनाथ का घर छोड़कर ईश्वर में ध्यान लगाने वृंदावन समेत दर्जनों जगहों पर भ्रमण करती रहीं। प्रो. मटुकनाथ नेबताया कि इस बीच वे फोन के जरिए संपर्क में भी रहीं लेकिन अचानक जूली का फोन आना बंद हो गया। बाद में उन्हें जानकारी मिलीकि वे अस्वस्थ हालत में त्रिनिदाद एंड टोबैगो पहुंच गई हैं। वे किसी को जीवित बुद्ध मानने लगी थीं और उनका अनुसरण करते हुए यहांइस हालत तक पहुंच गईं।
बता दें कि यह कहानी 2004 में शुरू हुई थी। बिहार के ‘लव गुरु‘ प्रोफेसर मटुकनाथ और उनकी स्टूडेंट जूली की प्रेम कहानी की चर्चाहोना लाजमी है। दोनों की ये कहानी इंटरनेशनल मीडिया की सुर्खिया बनी थी। खास बात ये कि टीचर और गुरु के बीच 30 साल की उम्रका अंतर था। दोनों को काफी दिक्कतें झेलनी पड़ी लेकिन आखिरकार इन्होंने शादी की।
बात साल 2004 की है। पटना यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मटुकनाथ ने एक कैंप लगाया था जिसमें पटना यूनिवर्सिटी की ही स्टूडेंट जूली भीपहुंची थी। इस दौरान दोनों के बीच बातचीत शुरू हुई। दोनों ने एक–दूसरे का नंबर लिया। इसके बाद दोनों के बीच घंटों फोन पर बातहोने लगी।बातचीत का सिलसिल प्यार में बदला और फिर दोनों लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगे। इसके कुछ दिनों बाद दोनों ने शादीभी की। फिलहाल, कहा जाता है कि दोनों अलग हो गए हैं।
मटुकनाथ के मुताबिक, एक दिन जूली का फोन आया और उसने कहा कि वो मुझे पसंद करती हैं और मुझसे शादी करना चाहती हैं।हालांकि, इसके बाद मटुकनाथ ने जूली को समझाया कि ये पॉसिबल नहीं है। उन्होंने बताया, वे पहले से शादीशुदा हैं और उनके बच्चे भीहैं। पर धीरे–धीरे मटुक भी जूली से प्यार करने लगे।
साल 2004 में शुरू हुई ये प्रेम कहानी दो साल तक ठीक चली। इसके बाद 15 जुलाई, 2006 को स्टूडेंट से अफेयर के बाद मटुकनाथ कोहिंदी डिपार्टमेंट के रीडर पद से सस्पेंड कर दिया था। बाद में 20 जुलाई, 2009 को उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। हालांकि, 2013 में 13 फरवरी को पटना यूनिवर्सिटी ने मटुकनाथ को पिछले पांच साल के एरियर का 20 लाख रुपए दिया था।
सस्पेंड और बर्खास्तगी के बाद मटुकनाथ के लिए मुश्किलें कम नहीं हुई थी। उनके खिलाफ कई जगहों पर स्टूडेंट्स और लोगों नेनारेबाजी की। उनके जूली के साथ रिश्ते को गलत बताया।कहा ये भी जाता है कि इसे लेकर प्रोफ़ेसर के साथ उनके रिश्तेदारों ने मारपीटकी। ये सबकुछ तो अलग था। मटुकनाथ की पत्नी को जब उनकी लव स्टोरी की खबर लगी तो उन्होंने दोनों को जेल भिजवा दिया था।हालांकि, जेल से छूटने के बाद दोनों की लाइफ सामान्य हो गई।
बता दें कि बर्खास्तगी के बाद जब मटुकनाथ को एरियर भुगतान किया गया था तो उन्होंने उस पैसे में से 14 फरवरी 2013 को जूली कोकार गिफ्ट की थी। मटुक को करीब 16 लाख रुपए मिले थे। चार लाख टैक्स के तौर पर काट लिए गए थे। बता दें कि तब मटुकनाथका ये गिफ्ट इंटरनेशनल मीडिया की सुर्खियां बन गया था।