New Delhi : देश भर में जारी लॉकडाउन के बीच बिहार सकार ने आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए थोड़ी ढील दी है। बुधवार को गृह विभाग ने तीन मई को जारी आदेश में संशोधन करते हुए सभी जिलों में इलेक्ट्रॉनिक, ऑटोमोबाइल, हार्डवेयर, निर्माण सामग्री और प्रदूषण जांच केन्द्रों को खोलने निर्देश दिया। सरकार का यह आदेश कंटेनमेंट जोन में लागू नहीं होगा। सभी जिलों के डीएम को इस संबंध में आदेश जारी करने का निर्देश दिया गया है।
सभी जिलों के डीएम को यह फैसला लेने का अधिकार दिया गया है कि दुकानें एक साथ खोली जाएं या इसके लिए रोटेशन तय किया जाए। जिन दुकानों को खोलने का आदेश दिया गया है, उसमें इलेक्ट्रॉनिक गुड्स, पंखा, कूलर, एयर कंडिसनर, मोबाइल, कंप्यूटर, यूपीएस और बैट्री की दुकानें और सर्विस सेंटर शामिल हैं। इसके साथ ही ऑटोमोबाइल, टायर-ट्यूब, ल्यूब्रिकेंट के दुकानें और सर्विस सेंटर भी खुलेंगे।
इधर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को निर्देश दिया कि बाहर से आने वाले प्रवासी मजदूरों का कौशल सर्वे ठीक से हो ताकि क्वारैंटाइन के बाद दिशा-निर्देश के अनुरूप उनकी क्षमता का बेहतर उपयोग हो सके। मुख्य सचिव एवं अन्य वरीय अधिकारियों के साथ की उच्चस्तरीय समीक्षा के दौरान नीतीश ने बुधवार को निर्देश दिया कि बाहर से आ रहे प्रवासी श्रमिकों का कौशल सर्वे एक ऐप के माध्यम से बेहतर तरीके से कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था में इनका महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। नीतीश ने कहा कि रोजगार सृजन के कार्यों का भी गहन अनुश्रवण सुनिश्चित किया जाय ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंद लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी एक्ट (मनरेगा) के कार्यों की सघन निगरानी की जरूरत है। मनरेगा में बड़ी संख्या में मानव दिवस सृजित हो सकते हैं।