New Delhi : कोरोना आपदा में लॉकडाउन को हटाने या बढ़ाने की चर्चा के बीच WHO ने चेतावनी दी है। उसका कहना है कि संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों को जल्दबाजी में हटाने के घातक परिणाम हो सकते हैं। उम्मीद है कि केंद्र सरकार अपने देश में लॉकडाउन के दूसरे चरण का ऐलान आज कर देगी। पहले चरण का लॉकडाउन 24 मार्च से शुरू हुआ था जो 21 दिन का था। कल यानी 14 अप्रैल को इसका अंतिम दिन है।
मोदी सरकार ने रविवार को लॉकडाउन में बड़ी राहत देने की बात कही है। सरकार ने लॉकडाउन के जारी रहने के बीच 15 इंडस्ट्री और सड़कों पर दुकान लगाने वालों को काम करने की इजाजत दे दी है। इसके अलावा ट्रक, रिपेयरिंग करने वालों को भी काम करने की मंजूरी दी है। सरकार ने जरूरी आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने के लिए यह फैसला लिया है। होम सेक्रेटरी अजय भल्ला को इंडस्ट्री सेक्रेटरी गुरु प्रसाद गुप्ता ने इस फैसले की जानकारी दी। गुप्ता ने बताया कि अच्छी-खासी तादाद में बड़े और छोटे सेक्टर्स की कंपनियों में काम शुरू करने की इजाजत दी गई है। हालांकि चीन में हुए एक अध्ययन में कहा गया है कि वायरस की वैक्सीन मिलने तक लॉकडाउन नहीं हटाना चाहिए। लैंसेट जर्नल में छपे अध्ययन के अनुसार, बिना पूरी तैयारी किए प्रतिबंध हटाना नए सिरे से संक्रमण का तूफान ला सकता है।
बहरहाल भारत में संक्रमण को तीसरे चरण में पहुंचने से रोकने के लिए केंद्र सरकार लॉकडाउन के दौरान देशभर में हॉट स्पॉट की पहचान में जुटी है। इन क्षेत्रों को सील कर उनमें अधिकतम जांच की जाएगी। वायरस को तेजी से फैलने से रोकने में अप्रैल का दूसरा पखवाड़ा अहम है। केंद्र व राज्य सरकारें सख्ती से काम करेंगी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके इसके लिए सरकार ऑपरेशन शील्ड चला रही है। सोमवार से कोरोना हॉट स्पॉट इलाके में सेनेटाइजेशन ड्राइव (स्वच्छीकरण अभियान) शुरू होगा। हॉट स्पॉट क्षेत्रों को दो जोन ऑरेंज और रेड में बांटकर चलाया जाएगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 3L फॉर्मूला सुझाया है, जो लाइफ, लाइवलीहुड और लिविंग हैं। यानी सरकार को जीवन, आजीविका और जीने के तरीके पर भी ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। पीएम मोदी ने फॉर्मूला की बात नहीं की थी, लेकिन ‘जान भी, जहान भी’ की बात कहकर इशारा यही किया था।
केंद्र सरकार यह महसूस कर रही है कि जब लॉकडाउन बढ़ाने पर फैसला लिया जाए, उसी समय यह तय कर लिया जाए कि आगे लॉकडाउन का स्वरूप कैसा रहेगा। इस दौरान कुछ कुछ और गतिविधियों को जरूरी सुरक्षा इंतजामों के साथ शुरू करने की इजाजत दी जाएगी। सरकार ने कहा है कि देश में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने और लोगों की आमदनी शुरू करने के लिए ये कदम जरूरी हैं। सरकार देश को राज्यों के बजाय कोरोना संक्रमण के आधार पर रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में बांटकर उद्योग-धंधे खोलने की इजाजत दे सकती है।
अपने आदेश में सरकार ने कहा कि जिन कंपनियों में काम शुरू करने की इजाजत दी गई है, वहां का मैनेजमेंट अपने कर्मचारियों को काम पर आने के लिए कह सकता है। अगर कोई कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं आता है, तो ऐसी स्थिति में बिना काम के दी जाने वाली सैलरी की जिम्मेदारी एंप्लायर पर नहीं होगी। हालांकि, सरकार ने यह भी कहा कि इस संबंध में श्रम मंत्रालय स्थिति को और स्पष्ट करे। बड़ी कंपनियों में 20-25% कर्मचारियों को ही एक शिफ्ट में काम करने को कहा गया है। इसी तरह हाउसिंग और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में तभी काम करने की अनुमति मिलेगी, जब मजदूरों को रहने की व्यवस्था कराई जाएगी। कंस्ट्रक्शन कॉन्ट्रैक्टर की पूरी जिम्मेदारी रहेगी कि वह साइट को पूरी तरह से सैनिटाइज कराएं और वहां स्वच्छता रखें। सरकार ने इंडस्ट्री को संचालित करने की इजाजत देने के बारे में गाइडलाइन जारी की है।
वैसे लॉकडाउन 2.0 वह चरण होता है, जब अधिक जोखिम वाले इलाकों की पहचान की जाती है। WHO ने कहा है कि इस लॉकडाउन को पहले से अधिक सख्त बनाते हुए उस पर अधिक ध्यान केंद्रित करना होगा और आंकड़े जुटाने होंगे। हाल ही में पीएम मोदी की तमाम राज्यों के मुख्यमंत्रियों से हुई बात के बाद माना जा रहा है कि लॉकडाउन 14 अप्रैल के बाद भी बढ़ेगा, क्योंकि अधिकतर राज्य यही चाहते हैं। हालांकि, कम जोखिम वाले इलाकों या जहां संक्रमण नहीं है, वहां पर आर्थिक विकास को रफ्तार देने वाले काम शुरू होंगे। वहीं जहां अधिक जोखिम है, वहां सख्ती और बढ़ेगी। जैसे दिल्ली-एनसीआर में बहुत सारे संक्रमण जोन बना दिए गए हैं और बहुत अधिक सख्ती की जा रही है।