New Delhi : पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर भारत-चीन में जारी सैन्य तनाव के बीच भारतीय वायुसेना को बोइंग से हुये करार के तहत पांच बचे हुये अपाचे अटैक हेलीकाप्टर मिल गये हैं। इसी के साथ वायुसेना के बेड़े में अब दुनिया में अपनी श्रेणी के सबसे मारक 22 अपाचे हेलीकाप्टर आपरेशन के लिये पूरी तरह तैयार हैं। चीन से मुकाबले के लिये एलएसी पर अपाचे के साथ हाल ही में हासिल किए गये चिनूक और एचएएल निर्मित रूद्र हेलीकाप्टरों को तैनात किया गया है।
Thank you, @IAF_MCC, for your partnership. We’re happy to have completed the deliveries of the 22 #AH64-E Apache and 15 #Chinook helicopters to India. pic.twitter.com/MLAFFXvWIe
— Boeing India (@Boeing_In) July 10, 2020
भारतीय वायुसेना के लिये खरीदे गये 22 हेलीकाप्टरों में से आखिरी पांच को पिछले महीने बोइंग ने हिंडन एयर बेस पर आइएएफ को सौंप दिया। अमेरिकी कंपनी बोइंग ने शुक्रवार को बयान जारी कर करार के अनुरूप वायुसेना को सभी 22 अपाचे अटैक हेलीकाप्टरों की डिलेवरी पूरी करने की बात कही। 17 अपाचे हेलीकाप्टरों की आपूर्ति वायुसेना को पहले ही की जा चुकी थी। आखिरी पांच भी हिंडन एयर बेस पर बीते महीने सौंप दिये गये। इस तरह बोइंग ने वायुसेना के लिए हेलीकाप्टरों की खरीद के सौदे के तहत 22 अपाचे और 15 चिनूक समेत 37 हेलीकाप्टर मुहैया कराने का करार पूरा कर दिया है।
लड़ाकू हेलीकाप्टरों की आधुनिकतम श्रेणी में गिने जाने वाले अपाचे में कई खूबियां हैं और इसीलिए इसे फ्लाइंग टैंक भी कहा जाता है। एंटी टैंक मिसाइल से लैस यह हेलीकाप्टर पहाड़ी घाटियों में दुश्मन पर धावा बोलने के लिये खासतौर पर बेहद कारगर माना जाता है। इसीलिये एलएसी पर चीन के साथ मौजूदा तनाव को देखते हुये इसे विशेष रूप से पूर्वी लद्दाख के अग्रिम मोर्चो पर तैनात किया गया है। इन 22 हेलीकाप्टरों के दो अलग बेड़े बनाकर आधे को असम के जोरहाट वायुसेना बेस पर तैनात किया गया है। चीन की चुनौती को देखते हुये असम में इस बेड़े को रखा गया है।
जबकि दूसरा बेड़ा पंजाब के पठानकोट में है और जाहिर तौर पर पाकिस्तान की खुराफातों के मद्देनजर पश्चिमी सीमा की चौकसी के लिये इन्हें यहां रखा गया है। अटैक हेलीकाप्टर की श्रेणी में आधुनिकतम माने जाने वाला अपाचे अमेरिकी वायुसेना का भी हिस्सा है। जबकि चिनूक वायुसेना के लड़ाकू विमानों और हेलीकाप्टरों के बेड़े के लिए सैन्य साजो-समान से लेकर ईधन आदि पहुंचाने वाले ट्रांसपोर्ट हेलीकाप्टर है। अपाचे हेलीकाप्टर हासिल करने का अमेरिकी कंपनी बोइंग के साथ भारत ने सितंबर 2015 में करार किया था।