New Delhi : PM Modi के लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा के बाद मुंबई के बांद्रा इलाके में मंगलवार को हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर सड़कों पर उतर आए। इन लोगों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए खुद को घर भेजने की मांग की। इन लोगों का कहना है कि सरकार ने लॉकडाउन को आगे बढ़ा दिया है और हमारे पास खाने को कुछ नहीं है। हमें अपने गांव वापस जाने दिया जाए।
महाराष्ट्र के कैबिनेट मिनिस्टर और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा – प्रवासी मजदूर भूख से परेशान नहीं हैं। उनके पास काम नहीं है और सब घर लौटना चाह रहे हैं। यह केंद्र सरकार की कमजोरी है जो इनके लिये कोई व्यवस्था नहीं कर सकी। प्रवासी मजदूरों को घर भेजने का इंतजाम करना चाहिये था। यह वैसी ही स्थिति थी जैसी दो तीन दिन पहले सूरत में बनी थी। बार बार केंद्र सरकार को कहा जा रहा है कि मजदूरों को उनके गांव घर तक पहुंचाने का कोई रोडमैप बनाइये। पर केंद्र इस पर कान नहीं दे रहा है। एक के बाद एक आदित्य ठाकरे ने कई ट्वीट किये।
Right from the day the trains have been shut down, the State had requested trains to run for 24 hours more so that migrant labour could go back home.
CM Uddhav Thackeray ji raised this issue in the PM- CM Video Conf as well requesting a roadmap for migrant labour to reach home— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) April 14, 2020
पुलिस ने पहले इन लोगों को समझाने की कोशिश की। इसके बाद भी जब भीड़ नहीं हटी, तो फिर लाठीचार्ज करके उन्हें खदेड़ा गया। महाराष्ट्र में मंगलवार को 121 नए मामले सामने आए। राज्य में मरीजों की संख्या 2455 पर पहुंच गई है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, मंगलवार को 121 मामलों में से मुंबई से 92, नवी मुंबई से 13, ठाणे से 10 और वसई-विरार (पालघर जिले में) से 5 और एक रायगढ़ से है। स्लम एरिया धारावी में मंगलवार को 6 नए कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। इसके बाद इस झुग्गी-बस्ती इलाके में संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 59 हो गई। पूरे इलाके को सील कर दिया गया है। यहां 13,224 लोगों की स्क्रीनिंग की गई है।
इधर रेलवे ने मंगलवार को पीएम मोदी की घोषणा के बाद बयान जारी करके कहा कि ट्रेनों में अग्रिम आरक्षण को रोक दिया गया है। रोक ई-टिकट बुकिंग पर भी है। अगले आदेश तक यह रोक रहेगी। हालांकि, ऑनलाइन टिकट कैंसिलेशन की सुविधा मिलती रहेगी। इससे पहले जब 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा हुई थी तब रेलवे ने 15 अप्रैल के बाद टिकटों की बुकिंग पर रोक नहीं लगाई थी। अब 3 मई तक न तो देश में ट्रेनें चलेंगी और न ही घरेलू या अंतरराष्ट्रीय प्लेन।
A mutual road map set by Union Govt will largely help migrant labour to reach home from one state to another safely and efficiently. Time and again this issue has been raised with the centre.
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) April 14, 2020
देशभर में कोरोना लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने के पीएम मोदी के ऐलान के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा कि सभी घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय विमानों का परिचालन 3 मई की रात 11.59 बजे तक निलंबित रहेगा। वहीं, रेलवे ने कहा कि प्रीमियम ट्रेनों, मेल / एक्सप्रेस ट्रेनों, पैसेंजर ट्रेनों, सबअर्बन ट्रेनों, कोलकाता मेट्रो रेल, कोंकण रेलवे आदि सहित भारतीय रेलवे की सभी यात्री ट्रेन सेवाएं 3 मई 2020 तक रद्द रहेंगी।
रेलवे ने कहा कि 3 मई तक कैंसल ट्रेनों के टिकटों का पूरा रिफंड उन यात्रियों को स्वत: कर दिया जाएगा जिन्होंने ई-टिकट लिया है और जिन्होंने काउंटर से टिकट लिया है वे 31 जुलाई तक रिफंड ले सकते हैं। 3 मई के बाद का टिकट भी यदि यात्री कैंसल कराते हैं तो उन्हें पूरा रिफंड मिलेगा। रेलवे की ओर से कहा गया, ‘3 मई तक रद्द ट्रेनों की टिकटों का जहां तक सवाल है, ऑनलाइन बुकिंग वालों को उनके खाते में रकम भेज दी जाएगी। जिन्होंने काउंटर से टिकट लिया है वे लॉकडाउन खुलने के बाद 31 जुलाई तक रिफंड प्राप्त कर सकते हैं। कोई कैंसिलेशन चार्ज नहीं लिया जाएगा। यहां तक की 3 मई के बाद भी यदि कोई यात्री टिकट कैंसल कराता है तो उससे कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा।’
माना जा रहा है कि रेलवे ने यह कदम इसलिए उठाया है क्योंकि कोरोना वायरस लॉकडाउन को भले ही 3 मई तक बढ़ाया गया है लेकिन यदि तब भी लॉकडाउन खोलने के हालात नहीं बने या ट्रेनों के संचालन की अनुमति नहीं मिली तो रेलवे को एक बार फिर यात्रियों की ओर से की गई बुकिंग को रद्द करने और रकम वापस करने की जद्दोजहद करनी पड़ेगी। लोगों को भी परेशानी से बचाया जा सकता है।