New Delhi : बिहार की बेटी ज्योति कुमार ने फिर से अपनी खुद्दारी साबित की है। केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान, रविशंकर प्रसाद की डिमांड पर केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू ने कहा था कि उसे साईं और साइकिल फेडरेशन की मदद से साइकलिंग की ट्रेनिंग देने के बाद और नेशनल स्तर पर मौका देंगे। लेकिन ज्योति ने कहा है- अभी वो पढ़ाई करना चाहती हैं और साइकलिंग का टेस्ट देने नहीं जायेंगी।
I assured @rsprasad ji. Will ask the SAI officials and Cycling Federations of India to report to me after conducting the trials of Jyoti Kumari. If found potential, she will be selected as trainee at the National Cycling Academy in the IGI Stadium complex in New Delhi. https://t.co/4ZUFZIOJFC
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) May 23, 2020
ज्योति से जब पूछा गया कि उसने ऐसा क्यों किया तो ज्योति ने कहा – मैं पहले अपनी पढ़ाई करना चाहती हूं। मुझे ये भी लगता है कि मैं अभी काफी कमजोर हूं क्योंकि मैं 15 साल की हूं और इतना लंबा सफर तय कर आई हैं। मैं अपने परिवार की परेशानियों के कारण अपना स्कूल पूरा नहीं कर पाई थी। वो घर का भी काम करती थी लेकिन अब वो अपनी पढ़ाई पूरी करना चाहती हैं।
लोक जनशक्ति पार्टी ने ज्योति के सामने उनके पढ़ाई का पूरा खर्च उठाने की बात कही। चिराग पासवान ने कहा – वो जो भी पढ़ना चाहती हैं मैं उन्हें पढ़ाने के लिए तैयार हूं। अपने बेटी की इस कामयाबी और हौंसले को देखते हुए ज्योति के पिता मोहन पासवान ने कहा- फिलहाल कल ही उसका एडमिशन 9वीं क्लास में हुआ है। वो 10वीं तक अपनी पढ़ाई पहले पूरी कर सके। उसे प्रशासन ने नई साइकिल, नया ड्रेस और नये जूते दिये हैं।
इवांका ट्रम्प को भी पता चल गया लेकिन गोदी मीडिया ने नही बताया
— रविश कुमार (Parody) (@Ravishk356) May 22, 2020
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी और सलाहकार इवांका ट्रंप ने बिहार की 15 वर्षीय बेटी ज्योति कुमारी की हिम्मत को सराहा है। इवांका के ट्वीट के बाद पहले से ही सुर्खियों में चल रही ज्योति स्टार बन गईं। ज्योति ने इवांका को धन्यवाद दिया। ज्योति ने कहा – मैं पहले इवांका दीदी को नहीं जानती थी। अब जान गई हूं। उन्होंने मेरा हौसला बढ़ाया। इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। वो बहुत बड़ी शख्सियत हैं। उन्होंने मेरे जैसी छोटी बच्ची की तारीफ की। यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है। मैं बहुत खुश हूं।
सशस्त्र सीमा बल के अधिकारी भी उनके घर पर गये और उनको साहस का प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद के ट्वीट के बाद आश्वासन दिया कि ज्योति को ट्रेनिंग दिलाया जायेगा। प्रसाद ने खेल मंत्री से ज्योति को प्रशिक्षण दिलाने में मदद करने का अनुरोध भी किया था। प्रसाद के इस ट्वीट का जवाब देते हुए रिजिजू ने उन्हें आश्वास्त किया है कि ज्योति की पूरी मदद की जाएगी।
लॉकडाउन था, सो अपने पिता को साइकिल पर बैठाकर गुरुग्राम से दरभंगा ले गई बेटी…
वीडियो: मोहन भारद्वाज और सीटू तिवारी pic.twitter.com/Mc7hkmyB4O— BBC News Hindi (@BBCHindi) May 19, 2020
रवि शंकर प्रसाद ने ज्योति कुमारी के बारे में ट्वीट करते हुए लिखा- बिहार की एक लड़की के साहस के बारे में जाना। जिसने गुरुग्राम से दरभंगा तक अपने पिता के साथ 1000 से ज्यादा किलोमीटर तक साइकिल चलाई। उनकी प्रतिभा निखारने के लिए खेल मंत्री किरेने रिजिजू से बात की।
इस पर केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने जवाब देते हुए लिखा- मैं आपको आश्वस्त करता हूं। ज्योति कुमारी के ट्रायल के बाद साईं अधिकारियों और साइकलिंग फेडरेशन को मुझे रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है। यदि उनमें संभावना दिखी तो उन्हें दिल्ली में आईजीआई स्टेडियम परिसर में राष्ट्रीय साइक्लिंग अकादमी में प्रशिक्षु के रूप में चुना जाएगा।
ज्योति कुमारी लॉकडाउन में अपने पिता मोहन पासवान को साइकिल पर बिठाकर एक हजार किमी से ज्यादा की दूरी आठ दिन में तय करके गुरुग्राम से बिहार के दरभंगा पहुंच गई थीं। इस दौरान ज्योति ने रोजाना 100 से 150 किमी साइकिल चलाई।
Jyoti Kumari, the 15-year-old daughter of a migrant laborer, biked 700 miles across India to bring her father home after he was injured in an accident. Now the Cycling Federation of India has taken notice and invited her to try out for the national team.https://t.co/gUTPe4czQJ
— The New York Times (@nytimes) May 22, 2020
सीएफआई के निदेशक वीएन सिंह ने ज्योति के ट्रायल पर कहा था- मैंने उनसे बात की थी और उसे बता दिया है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद जब भी मौका मिलेगा वह दिल्ली आएं और उसका इंदिरा गांधी स्टेडियम में हम उसका छोटा सा टेस्ट लेंगे। हमारे पास वाटबाइक होती है, जो स्थिर बाइक है। इस पर बच्चे को बैठाकर चार-पांच मिनट का टेस्ट किया जाता है। इससे पता चल जाता है कि खिलाड़ी और उसके पैरों में कितनी क्षमता है। वह अगर इतनी दूर साइकिल चलाकर गई है तो निश्चित तौर पर उनमें क्षमता है।