New Delhi : दिल्ली विधानसभा में शुक्रवार को NPR और NRC के खिलाफ प्रस्ताव पास हो गया. दिल्ली से पहले बिहार, केरल, कर्नाटक और मध्य प्रदेश विधानसभा में एनपीआर-एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पास हो चुका है. दिल्ली विधानसभा में शुक्रवार को NPR और NRC पर चर्चा के लिए एक विशेष सत्र बुलाया गया था.
चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा. उन्होंन्ने विधानसभा में कहा कि BJP कह रही है कि सीएए, एनपीआर और एनआरसी अलग है. लेकिन असम में जो हुआ उसको लेकर देश में चिंता है.
सीएम केजरीवाल ने कहा कोरोना वायरस को लेकर सबसे बड़ी चिंता होनी चाहिए. बेरोजगारी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. सभी सरकारों को मिलकर इकोनॉमी और बेरोजगारी पर ध्यान देने की जरूरत है और इस समय सीएए और एनपीआर लाया जा रहा है.
अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में कहा कि 20 जून 2019 को राष्ट्रपति कोविंद ने कहा था मेरी सरकार ने तय किया है कि एनआरसी को लागू किया जाएगा. गृह मंत्री अमित शाह ने 10 दिसंबर को संसद में कहा था कि देश में एनआरसी होकर रहेगा. मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब कह रहे हैं कि सीएए अलग है, एनपीआर अलग है और एनआरसी अलग है. आपके कहने से थोड़ी होगा. असम में जो हुआ उसको लेकर देश में चिंता है.
अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि जिस किसी के पास दस्तावेज है वो हिन्दुस्तानी है. जो-जो हिन्दू इस गलतफहमी में है कि आपके पास दस्तावेज नहीं है तो आपको एफिडेविट में लिखना होगा कि आप पाकिस्तान से हो. एनपीआर के आधार पर एनआरसी होगा.
अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि डॉक्यूमेंट्स कौन से माने जाएंगे… केवल और केवल किसी सरकारी एजेंसी द्वारा जारी किया गया बर्थ सर्टिफिकेट (जन्म प्रमाण पत्र). स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट होता था वो नहीं चलेगा. नगर निगम का चलेगा या पंचायत का चलेगा. मेरे पास भी नहीं है.
सीएम केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं है साबित करने के लिए, मेरी बीवी के पास भी नहीं है, मेरे माता-पिता के पास भी नहीं है. बच्चों के पास है. 6 लोगों में से 4 लोगों के पास नहीं है तो क्या दिल्ली के मुख्यमंत्री के पूरे परिवार को डिटेंशन सेंटर में भेज दिया जाएगा. मनीष सिसोदिया के पास नहीं है, अभी इन्होंने बताया. पूरी दिल्ली के कैबिनेट के पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं है. तो क्या पूरी कैबिनेट को डिटेंशन सेंटर में भेज देंगे.
इसके बाद केजरीवाल ने विधानसभा में मौजूद सदस्यों से पूछा कि क्या उनके पास जन्म प्रमाण पत्र है. केजरीवाल ने उन लोगों से अपना हाथ उठाने के लिए कहा जिनके पास यह सर्टिफिकेट है. इस दौरान सिर्फ 9 सदस्यों ने ही अपने हाथ उठाए, जिसके बाद केजरीवाल ने कहा कि 70 लोगों की विधानसभा में 61 लोगों के पास जन्म प्रमाणपत्र नहीं है, यह साबित करने के लिए कि हम इस देश के नागरिक नहीं हैं केवल 9 लोगों के पास वह प्रमाण पत्र है.
देश के साथ गद्दारी नहीं करेंगे- सीएम
अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि जिनके पास दस्तावेज नहीं है तो कितने लोग हैं जो एफिडेविट देंगे कि आप पाकिस्तानी हो. हम मर जाएंगे, कट जाएंगे मिट जाएंगे, देश के साथ गद्दारी नहीं करेंगे. बीजेपी कह रही है कि बोलो पाकिस्तानी हो तभी नागरिकता देंगे. तो बता दें कि पूरी जिंदगी डिटेंशन सेंटर में बिता देंगे लेकिन देश के साथ गद्दारी नहीं करेंगे. देश का कोई नागरिक भारत के साथ गद्दारी नहीं करेगा.