महाराष्ट्र मॉब लिंचिंग का वीडियो शेयर कर कपिल मिश्रा बोले – क्या साधुओं का कोई ह्यूमन राइट नहीं?

New Delhi : कोरोना आपदा और लॉकडाउन के बीच महाराष्ट्र के पालघर जिल में जूना अखाड़े के दो साधुओं की मॉब लिचिंग के बाद से देश में हंगामा मचा हुआ है। इस घटना के बाद से देशभर के साधु-संतों और सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूटा है। भारतीय जनता पार्टी के नेता कपिल मिश्रा ने इस घटना का एक वीडियो अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है। वीडियो के माध्यम से कपिल मिश्रा ने महाराष्ट्र सरकार पर तीखा हमला किया है।

दरअसल, महाराष्ट्र के पालघर जिल में जूना अखाड़ा के साधु कल्पवृक्ष गिरी और सुशील गिरी की मॉब लिचिंग के बाद से बवाल मचा हुआ है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने उद्धव ठाकरे सरकार को चेतावनी दी और कहा – अगर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो वह आंदोलन करेंगे। उन्होंने बताया कि पालघर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से फोन पर बात कर अखाड़ा परिषद ने अपना विरोध जताया है और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है।
कपिल मिश्रा ने वीडियो शेयर कर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र पुलिस पर निशाना साधा है। कपिल मिश्रा ने जो वीडियो शेयर किया है उसमें देखा जा सकता है कि 20 से 25 लोगों की भीड़ साधुओं पर डंडे से वार कर रही है। इस दौरान एक पुलिस वाला भी दिखाई देता है जिसके पीछे छिपकर साधु अपनी जान बचाने की कोशिश करते हैं लेकिन वह पुलिसकर्मी उनकी मदद नहीं करता और तमाशा देखता रहता है।

कपिल मिश्रा ने कैप्शन में लिखा – साधु कल्पवृक्ष गिरी और साधु सुशील गिरी की मॉब लिचिंग – दर्दनाक, दुःखद, अक्षम्य…लॉकडाउन के बावजूद भीड़ आई और पुलिस के सामने ये किया। ये साधु थे – इनका कोई ह्यूमन राइट नहीं, कोई संवैधानिक संरक्षण नही? कल्पना कीजिए, अगर ये साधु ना होते? ये किसी अन्य धर्म के धर्मगुरु होते तो?

इस मामले पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी ट्वीट कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। पालघर में जो मॉब लिंचिंग की घटना सामने आई है वह हैरान करने वाला और अमानवीय है। यह घटना ऐसे समय और परेशान करती है जबकि देश को महामारी ने घेरा हुआ है। उन्होंने लिखा – मैं राज्य सरकार से अपील करता हूं कि इस मामले की हाई लेवल जांच करवाएं और जो दोषी हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।

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