New Delhi: कहते हैं प्रतिभा किसी पहचान की मोहताज नहीं होती और न ही वह स्थान देखती है। अगर आप मेहनती हैं तो, सफलता कभी भी गरीबी, अमीरी , गांव या शहर नहीं देखती। वह देखती है तो बस मेहनत और लगन।
वर्तमान परिवेश में प्रतिभायें पिछड़े एवं ग्रामीण ईलाकों से भी निकल रही है और अपना परिचय दे रही है। ऐसी ही कहानी है कांकेर जिले के कोरर की जहां की कुमारी शालिनी औरेया का एनआईटी मैकेनिकल में चयन हुआ है।
शालिमी छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले से हैं। किसी ने नहीं सोचा था कि शालिनी ने जो लक्ष्य तय किया है उसे वह पूरा भी कर पाएगी। कोरर की रहने वाली शालिनी कहती हैं यदि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने हमर लक्ष्य योजना की शुरूआत नहीं की होती तो आज एनआईटी में पढ़ने का उनका सपना कभी पूरा नहीं हो सकता था।
शालिनी ने बताया कि उसके पिता कोरर में एक सामान्य चाय का ठेला चलाते है। उनकी इच्छा थी कि उनकी बेटी अच्छी शिक्षा प्राप्त करे लेकिन आर्थिक स्थिति इस काम में बाधा डाल रही थी। शालिनी ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु संचालित “हमर लक्ष्य” कोचिंग सेंटर में अपनी कोचिंग प्रारंभ की।
शालिनी की इस सफलता को प्रोत्साहित करते हुए जिला प्रशासन ने उसकी पढ़ाई का पूरा खर्च उठाने की जिम्मेदारी ली है। इस सहयोग के मिल जाने से शालिनी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की इस योजना ने मेरे उड़ान के हौसले में पंख लगा दिया है जिसके लिए मैं मुख्यमंत्री का सदैव आभारी रहूंगी।।