New Delhi : बांद्रा मजिस्ट्रेट मेट्रोपॉलिटन कोर्ट ने बॉलीवुड क्वीन कंगना रनौत और उनकी बहन रंगोली चंदेल के खिलाफ एक शिकायतकर्ता के आरोपों पर पुलिस शिकायत दर्ज करने का आदेश दिया है। इस याचिका में याचिकाकर्ता ने कहा है कि दोनों ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये समुदायों के बीच नफरत फैलाने की कोशिश की। इसकी शिकायत कास्टिंग डायरेक्टर और फिटनेस ट्रेनर मुन्नावाली सैय्यद ने की है। महानगर मजिस्ट्रेट जयदेव खोले ने अपने आदेश में कहा- शिकायत में प्रथम दृष्टया… मैंने पाया कि अभियुक्तों द्वारा संज्ञेय अपराध किया गया है। आरोप इलेक्ट्रॉनिक मीडिया – ट्विटर और साक्षात्कार की टिप्पणी पर आधारित है। विशेषज्ञ द्वारा पूरी जांच आवश्यक है।
The concept wasn’t as much a problem as the execution was,the fearful Hindu girl apologetically expressing her gratitude to her in-laws for the acceptance of her faith, Isn’t she the woman of the house? Why is she at their mercy? Why so meek and timid in her own house? Shameful. https://t.co/LDRC8HyHYI
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) October 12, 2020
As Hindus we need to be absolutely conscious of what these creative terrorists are injecting in to our subconscious, we must scrutinise, debate and evaluate what is the outcome of any perception that is fed to us, this is the only way to save our civilisation #tanishq
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) October 13, 2020
Year started with #DelhiRiots #Bangloreriots beheadings and killings of Hindu women by their husbands cos they refused to convert, now this young man killed because of one book, why can’t we edit those 4 pages in that book which clearly says to kill kafirs? #parisbeheading https://t.co/NxbWMOWjI8
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) October 17, 2020
अपनी शिकायत में, सैय्यद ने भारतीय दंड संहिता के 34 के साथ धारा 153A, 295A, 124 के तहत बहनों के खिलाफ एफआईआर करने की अपील की थी। सैय्यद ने उन ट्वीट्स को भी निर्दिष्ट किया जिसमें उन्होंने पाया कि कंगना ने मुंबई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की थी। शिकायतकर्ता, जिसने प्रख्यात फिल्म निर्देशकों के साथ काम करने का दावा किया था, ने कहा कि इन ट्वीट्स के पीछे के असली मकसद की जांच होनी चाहिए।
सुशांत सिंह राजपूत प्रकरण में कंगना ने सोशल मीडिया पर बड़े समाज वर्ग का ध्यान आकर्षित करना शुरू कर दिया क्योंकि उन्होंने बॉलीवुड में भाई-भतीजावाद पर सवाल उठाए थे।
कर्नाटक की एक अदालत ने भी कंगना के खिलाफ उनके ट्वीट पर एक एफआईआर का आदेश दिया था। इस ट्वीट में कंगना ने केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करनेवालों को अपराधी करार दिया था।
If Hindus had shown so called peaceful religion intolerance entire Bollywood would’ve been beheaded long ago, they make derogatory films for our religion and then claim they are scared of saffron color, look at the propaganda and it’s absurd and dumb logic. #parisbeheading https://t.co/5552KyPVOd
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) October 17, 2020
Hindus lives don’t matter, west till this date makes movies on 5-6 millions Jews genocide, so it’s not repeated, through the slavery of hundreds years do we know how many Hindus were killed? 100 times more than Jews in WW2, but no movies on Hindu genocide #parisbeheading https://t.co/SQYu2XVbpQ
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) October 17, 2020
उन्होंने 21 सितंबर को ट्वीट किया था- जो लोग सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम) के बारे में गलत सूचना और अफवाह फैलाते हैं, जो सामाजिक माहौल बिगाड़ने का कारण बनते हैं, वही लोग हैं जो अब किसान बिल के बारे में गलत सूचना फैला रहे हैं।