कमलनाथ-दिग्विजय ने 15 माह MP को लूटा, सिंधिया बोले- उन्हे मालूम रहे, टाइगर अभी जिंदा है

New Delhi : भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को मध्य प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों कमलनाथ और दिग्विजय सिंह पर जमकर निशाना साधा। इसके बाद सिंधिया ने कहा- टाइगर अभी जिंदा है। सिंधिया का यह बयान उस समय सामने आया, जब मध्य प्रदेश सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार हुआ है और 28 मंत्रियों ने शपथ ली है।
पूर्व कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा- मुझे कमलनाथ या फिर दिग्विजय सिंह से कोई सर्टिफिकेट नहीं चाहिए। उन्होंने 15 महीनों में राज्य को जमकर लूटा है। उन्होंने सबुकछ अपने लिए किया। लेकिन मैं उनसे कहना चाहूंगा कि टाइगर अभी जिंदा है।

इससे पहले मध्य प्रदेश सरकार के कैबिनेट विस्तार पर सिंधिया ने कहा कि जिन मंत्रियों ने शपथ ली है, वे जनता के लिए काम करेंगे। शिवराज सिंह चौहान की पहले 100 दिन की सरकार ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। किसानों के लिए काम किया है। हम आने वाले चार साल तक ऐसा ही करते रहेंगे। मार्च महीने में कांग्रेस से बीजेपी में आए सिंधिया ने भरोसा जताया – जिन 12 मंत्रियों ने गुरुवार को मंत्री पद की शपथ ली है, वे सभी उपचुनाव में जीतेंगे।
गुरुवार को हुए मंत्रिमंडल विस्तार में ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के 12 नेता मंत्री बने हैं। इनमें सिंधिया खेमे के महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रभु राम चौधरी, प्रद्युमन सिंह तोमर, इमरती देवी, राजवर्धन सिंह, बृजेंद्र सिंह यादव, सुरेश धाकड़, गिर्राज दंडोतिया, ओ पी एस भदौरिया, हरदीप सिंह डंग, बिसाहूलाल सिंह और एंदल सिंह कसाना को मंत्री बनाया गया है।
शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री बनने के 71 दिन बाद आखिरकार उनकी पूरी टीम बन गई, लेकिन इसमें सिंधिया खेमा फायदे में रहा। गुरुवार को 28 मंत्रियों ने शपथ ली। इनमें 9 सिंधिया खेमे से हैं, जबकि 7 शिवराज सरकार में पहले मंत्री रह चुके हैं। शपथ लेने वाले 28 नेताओं में से 20 को कैबिनेट और 8 को राज्य मंत्री बनाया गया है। 4 नेता ऐसे हैं, जो तीन महीने पहले तक कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे थे।

शिवराज की टीम में अब उन्हें मिलाकर 34 मंत्री हैं। इनमें 59% मंत्री 2018 में भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते हुए हैं। बाकी 41% यानी 14 मंत्री पूर्व कांग्रेसी हैं। इनमें से अभी एक भी विधायक नहीं है। मध्यप्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब 14 मंत्री विधायक नहीं हैं।

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