New Delhi : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने देर रात 14 आईपीएस अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया है। इसमें प्रयागराज के एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज का भी नाम है। सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े का खुलासा अपनी टीम के साथ मिलकर किया था। इस मामले में कई गिरफ्तारियां भी हुई हैं। अब इस मामले की जांच एसटीएफ कर रही है और फर्जीवाड़े के मुख्य आरोपी चंद्रमा यादव की गिरफ्तारी के प्रयास चल रहे हैं।
69000 शिक्षक भर्ती का पर्दाफाश करने वाले एसएसपी पर कार्रवाई.
एक तरफ यूपी सरकार ईमानदारी का ढोल पीटती हैं लेकिन जब कोई अधिकारी अपनी ड्यूटी ईमानदारी से करता हैं तो उस पर कार्रवाई.
इससे पता चलता हैं कि भर्ती घोटाले में यूपी सरकार के शीर्ष नेतृत्व के हाथ भी रंगे हुए हैं. pic.twitter.com/FWn5faHN6R— Shashikant gautam (@Shashigautamsp) June 16, 2020
प्रयागराज के एसएसपी पद से हटाने के बाद सत्यार्थ अनिरुद्ध अभी वेटिंग फॉर पोस्टिंग है। उन्हें प्रतीक्षारत रखा गया है वहीं, एसपी पीलीभीत अभिषेक दीक्षित को अब प्रयागराज की कमान दी गई है। बता दें कि 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में अभ्यर्थी डॉ. कृष्ण लाल पटेल के खिलाफ फर्जीवाड़ा करने का आरोप तो लगा रहे थे, लेकिन कोई तहरीर लेकर मुकदमा दर्ज कराने को तैयार न था। जिन अभ्यर्थियों से इस गैंग के सदस्यों ने लाखों रुपए वसूला था, वह भी डर के मारे सामने नहीं आ रहे थे। 4 जून को जब प्रतापगढ़ के एक अभ्यर्थी राहुल सिंह ने एसएसपी से संपर्क किया तो तत्काल कार्रवाई शुरू हो गई। एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने राहुल की तहरीर पर सोरांव थाने में मुकदमा दर्ज कराया।
एसएसपी ने शिक्षा जगत की बुनियाद में सेंध लगाकर ईमानदार, परिश्रमी अभ्यर्थियों का हक मारने वाले माफियाओं का तंत्र ध्वस्त करने के लिए एएसपी अशोक वेंकटेश और अनिल यादव को लगाया। कुछ ही घंटे में परिणाम आने शुरू हो गए। शुरुआत में ही पुलिस ने एक कार से जा रहे छह संदिग्धों को साढे सात लाख रुपए के साथ हिरासत में ले लिया। पुलिस अफसरों ने सीबीआई की तरह गैंग में शामिल डॉ. कृष्ण लाल पटेल, स्कूल संचालक ललित त्रिपाठी और लेखपाल संतोष बिंदु को हिरासत में लेकर पूछताछ की और 22 लाख से अधिक कैश बरामद कर लिया।
SSP प्रयागराज सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज द्वारा 69000 शिक्षक भर्ती में अच्छा काम करने के बाद भी जाँच STF को देना,अचानक बिना कारण हटा प्रतीक्षारत करना बताता है कि यूपी सरकार इस मामले में बेईमानी व लीपापोती कर रही है. मैं पंकज जी को तत्काल दुबारा SSP प्रयागराज बनाने की मांग करता हूँ । https://t.co/s3DERB6r5M
— निशिकांत दीक्षित पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष (@NISHIKANTDIXIT2) June 16, 2020
इस मामले में प्रयागराज की सोरांव पुलिस ने शनिवार को तीन अभ्यर्थियों को पकड़ा था। जिन्होंने सेटिंग करके परीक्षा पास की थी। पकड़े गए आरोपी में 142 अंक पाले वाला धर्मेंद्र पटेल भी शामिल है। धर्मेंद्र पटेल शादी शमारोह में डीजे बजाने का काम करता है। एएसपी अशोक वेंकटेश ने बताया – धर्मेंद्र, विनोद समेत तीन अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में पता चला कि धर्मेंद्र को शिक्षक भर्ती परीक्षा में 150 में से 142 नंबर मिले थे। एएसपी ने धर्मेंद्र से जब पूछा कि देश का राष्ट्रपति कौन है? तो वह इसका जवाब नहीं दे सका। इसके बाद सामान्य ज्ञान के सवाल पूछे गये लेकिन वह जवाब नहीं दे पाया। उसकी खामोशी बता रही थी कि वह सहायक शिक्षक भर्ती में कैसे टॉपरों की सूची में शामिल हो गया। एएसपी ने बताया कि आरोपियों के पास से मिली डायरी में 20 अभ्यर्थियों के नाम सामने आये। इनमें 18 का चयन होने का पता चला है। अभी सिर्फ तीन पकड़े गये हैं। अन्य 17 की तलाश की जा रही है।