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पति ने पढ़ाकर बनाया अफसर, IAS बनने का सपना देखा और बिना कोचिंग लिए ही उसे पूरा किया

New Delhi: देश के अधिकतर युवाओं का यह सपना है कि वे यूपीएससी की परीक्षा पास करके सिविल सर्विसेज ज्वाइन करें। आज हम आपको अपनी इस खबर में बताने जा रहे है जिसकी सफलता के पाछे पति का भी हाथ है। अनुकृति शर्मा राजस्थान के जयपुर की रहने वाली हैं। पिता सरकारी नौकरी में थे तथा मां कॉलेज में पढ़ाती थीं।

अनुकृति ने कभी ये नहीं सोचा था कि उन्हें सिविल सर्विसेज में जाना है। हां लेकिन उन्हें ये जरूर पता था कि उन्हें कुछ बड़ा करना है। इसकी एक वजह थी, जब वह कॉलेज में पढ़ती थीं तब उनके कॉलेज के बाहर एक व्यक्ति चाय बेचता था। उसने अपनी बेटी की शादी महज़ 14 साल की उम्र में कर दी। जब यह बात अनु को पता चली तब उसे अहसास हुआ कि उन्हें किस तरह से विशेषाधिकार मिले हुए हैं। अगर उन्हें मौका मिला है तो वह उसे बिना कुछ किए गंवा नहीं सकतीं।

शादी के बाद ही अनुकृति ने यूपीएससी की परीक्षा देने और सिविल सर्विसेज ज्वाइन करने का मन बनाया। गृहस्ती को संभालते हुए ऐसा कठिन फैसला लेना वाकई में हिम्मत का काम है। लेकिन समस्या ये थी कि तैयारी के नाम पर अनु के पास कुछ भी नहीं था। पहली बात तो वह साइंस की स्टूडेंट थीं। इसके अलावा ना तो उन्हें संविधान, आईपीसी और आर्टिकल के बारे में कोई जानकारी थी और ना ही इतना समय कि वह घर छोड़ कर किसी शहर में जाकर इसके लिए कोचिंग ले सकें। रास्ता भले ही मुश्किल था लेकिन एक बार जो अनु ने ठान लिया फिर उन्होंने पीछे मुड़ कर नहीं देखा।

अनु ने यूपीएसी क्लियर करने के लिए किसी कोचिंग संस्थान का सहारा नहीं लिया बल्कि इंटरनेट के सहारे खुद से ही इसकी तैयारी की। अनु ने परीक्षा की जानकारी से लेकर अपने आंसर्स को टॉपर्स के आंसर्स से मैच करने तक के बारे में हर काम इंटरनेट की मदद से ही किया। उनका मानना है कि इंटरनेट से बड़ा गुरू और कोई नहीं। यही वजह थी कि वह बिना कोचिंग लिए या बिना टेस्ट सीरीज ज्वाइन किए अपनी मंज़िल को पा गईं। वह बताती हैं कि जिस भी क्षेत्र में आपको जानकारी हासिल करनी हो, उसे आप नेट पर पा सकते हैं। इसके अलावा अनु मोटिवेशनल वीडियोज़ को भी कारगर मानती हैं क्योंकि इनसे निराशा भरे दिनों से निकलने में मदद मिल जाती है।

पढ़ाई की बात करें तो 2007 में उन्होंने IIT JEE की परीक्षा पास की और भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान, कोलकाता में एडमिशन लिया, जिसके बाद अनुकृति शर्मा अमेरिका की राइस यूनिवर्सिटी चली गईं। जब वह कॉलेज में थीं, तो ऐसे कई कारण थे जिन्होंने अनुकृति को सिविल सर्विसेज में जाने के लिए प्रेरित किया, लेकिन साइंस बैकग्राउंड से होने के कारण उसके टीचर ने उन्हें सिविल सेवा में जाने से मना कर दिया और कहा कि वह वैज्ञानिक बनकर यह सब काम कर सकती हैं, इसलिए उन्हें अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए, लेकिन फिर भी जब वह अमेरिका से लौटीं तो कुछ समय बाद अपने सपने को पूरा करने के लिए प्रयास करने लगीं।

अनुकृति शर्मा सिविल सेवा के अपने पहले अटेंप्ट में मेन्स एग्जाम तक पहुंचीं, इसके बाद दूसरे अटेंप्ट में वे प्रीलिम्स का पेपर भी क्लियर नहीं कर पाईं लेकिन उन्होंने अपने प्रयास जारी रखे। जब उन्होंने अपना तीसरा अटेंप्ट दिया, तो वह इंटरव्यू तक पहुंची और अपने चौथे अटेंप्ट में सफल हो गईं। अनुकृति ने सिविल सेवा परीक्षा में 355वां स्थान प्राप्त किया और भारतीय राजस्व सेवा मिली।

उनका ऑप्शनल सब्जेक्ट जियोग्राफी था और उनके पति उनकी पूरी जर्नी के लिए उनके ट्यूटर थे। उन्होंने उसके सपनों को हासिल करने में उसकी मदद की। वह यह भी बताती हैं कि वह उनके को-एस्पिरेंट की तरह थे जिन्होंने उनकी स्ट्रेटजी और नंबरों को बेहतर बनाने में मदद की। उन्होंने कहा कि उनके पति उनके सबसे अच्छे दोस्त की तरह थे और तैयारी के दौरान उन्हें मोटिवेट किया और उनकी सफलता का क्रेडिट उनके पति को जाता है।

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