New Delhi : पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद को लेकर भारत-चीन के बीच लगातार बातचीत चल रही है। इस विवाद को चीन वार्ता के जरिये से सुलझाने की बात तो कर रहा है, लेकिन धोखेबाजी करने से भी पीछे नहीं हट रहा। इसके चलते भारत ने सीमा पर किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए गलवान सेक्टर में छह टी-90 टैंक्स तैनात किये हैं। वहीं, भारत और चीन के बीच मंगलवार को तनाव को कम करने के लिये चुशुल में शीर्ष सैन्य कमांडर स्तर की एक बार फिर से बातचीत होने जा रही है।
India deploys T-90 tanks in Galwan Valley after China’s aggressive posturing at LAChttps://t.co/Y58D8bduwa
— Hindustan Times (@HindustanTimes) June 30, 2020
भारतीय सेना ने सीमा पर टी-90 भीष्म टैंकों को तैनात करने का फैसला चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की हरकतों को देखते हुए लिया है। चीन ने कई जगह निर्माण किया हुआ है। सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा के अपने हिस्से के भीतर इस क्षेत्र में स्थित प्रमुख ऊंचाइयों पर अपने हथियारों को तैनात कर रही है।
155 एमएम हॉवित्जर के साथ इन्फैंट्री लड़ाकू वाहनों को पूर्वी लद्दाख में 1597 किमी लंबी एलएसी के साथ तैनात किया गया है। वहीं, चीन के किसी भी खतरे से निपटने के लिए चुशुल सेक्टर में भी सेना ने दो टैंकों की तैनाती की है। चीनी सेना इस क्षेत्र से एलएसी से वापस जाने के लिए सौदेबाजी करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन भारतीय सेना का स्पष्ट मानना है कि वह एक इंच भी जमीन नहीं छोड़ने वाली है।
सैन्य कमांडरों की मानें तो भारत सीमा विवाद पर लंबी खींचतान के लिए पूरी तरह से तैयार है। वहीं, दूसरी ओर यदि चीन को कदम उठाता है तो फिर भारत ने उसपर जवाबी कार्रवाई के लिए भी तैयारी कर रखी है। चीनी सेना पू्र्वी लद्दाख में मार्शियल आर्ट्स की ट्रेनिंग पाए सैनिकों की तैनाती का प्रोपेगेंडा फैलाता है। जबकि, वास्तविकता यह है कि भारतीय सैनिकों के मुकाबले चीनी सैनिकों का ऐसी परिस्थितिओं में टिके रहना काफी मुश्किल है। वर्ष 1984 के बाद से, भारतीय सेना को उच्च ऊंचाई वाले युद्ध के लिए प्रशिक्षित किया गया है।
Rajnath Singh to hold talks with US counterpart, India-China face-off likely to come up https://t.co/MHFRYSVWMt pic.twitter.com/U3XCUr1Uek
— The Times Of India (@timesofindia) June 30, 2020
भारतीय सैन्य कमांडरों और सैनिकों का सामान्य मनोबल इन दिनों भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना दोनों के साथ बहुत अधिक है। जो उच्चतम स्तर की सतर्कता में तैनात हैं। वहीं, चीनी पीएलए वायु सेना के अधिकांश लड़ाकू विमान भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों का मुकाबला करने के लिए एलएसी से 240 किमी दूर तकलामकन रेगिस्तान में हॉटन एयर बेस से उड़ान भर रहे हैं।