New Delhi : मधेपुरा रेल कारखाना से निर्मित 12,000 एचपी इंजन देश में अब चलने लगी है। आज 19 मई को रेल मंत्री पीयूष गोयल ने एक ट्वीट कर इस पर खुशी जताई और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेक इन इंडिया की परिकल्पना का इससे अच्छा उदाहरण और क्या हो सकता है। इसके साथ ही भारत रूस, चीन, जर्मनी और स्वीडन सहित उन देशों की फेहरिस्त में शामिल हो गया है, जिनके पास 12,000 एचपी या इससे ज्यादा की क्षमता वाला बिजली के रेल इंजन है। फिलहाल, भारतीय रेल के पास अब तक सबसे ज्यादा क्षमता वाला 6,000 एचपी का रेल इंजन है। इस इंजन को 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को समर्पित किया था।
Make in India Powers Railway Manufacturing: 12,000 horsepower Locomotive Engine, built in Madhepura, Bihar departed from Pt. Deen Dayal Upadhyaya Station in UP
The powerful & fast electric loco will cut down emission & operating cost & revolutionise freight movement in India. pic.twitter.com/6sKhPM4nlt
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) May 19, 2020
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट किया – 12000 एचपी क्षमता का बिहार के मधेपुरा कारखाने में निर्मित यह रेल इंजन प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया की परिकल्पना को साकार कर रहा है। इससे न सिर्फ भारतीय रेल के पहियों को रफ्तार मिली है बल्कि मालढुलाई की लागत भी बेहद कम हो गई है। इससे लागत घटेगी और मुनाफा बढ़ेगा। आज यह इंजन जब उत्तर प्रदेश के मुगलसराय के पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन से निकला तो नजारा देखने लायक था।
12 हजार हॉर्स पावर का इंजन देश का सबसे शक्तिशाली इंजन है जो मालगाड़ी की रफ्तार को दुगुना बढ़ा देगा। यह इंजन नौ हजार टन तक माल खींचने में सक्षम होगा। 20 हजार करोड़ की लागत से निर्मित रेल इंजन कारखाना देश को पहला विद्युत इंजन देगा। फ्रांस की एल्सटॉम कंपनी के साथ भारतीय रेल ने समझौता किया था। जिस समझौता के तहत ही इस पावरफुल इंजन को हर मौसम में एक ही रफ्तार के साथ मालगाड़ियों को खींचा जा सकें। इसलिए इसकी बॉडी को कवच फ्रांस से पिछले साल सितंबर 2017 में ही लाया गया था।
वर्तमान में भारतीय रेल माल ढुलाई के लिए अपनी ट्रेनों में डब्ल्यूएजी-9 इंजन इस्तेमाल करती है। यह इंजन पहले तक का सबसे पावरफुल इंजन माना जाता था। इसमें 6 हजार हॉर्स पावर का इंजन लगा हुआ रहता था। लेकिन मधेपुरा रेल इंजन कारखाना में इस इंजन के ठीक दुगुना पावर 12 हजार हॉर्स पावर का इंजन निर्माण होने से मालगाड़ी की स्पीड दोगुनी बढ़ा दी है।
Bolstering PM @NarendraModi ji’s vision of Make in India, first WAG12B (12000 HP) loco departed from Pt. Deen Dayal Upadhyaya Station in Uttar Pradesh today.
Powerful and capable of high speed, the locomotive is a significant addition to the Indian Railways. pic.twitter.com/GD6opgWXrR
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) May 18, 2020
भारतीय रेल और फ्रांस की एल्सटॉम कंपनी के बीच हुए करार के मुताबिक भारतीय रेल मेक इन इंडिया के तहत 11 साल में यह कंपनी देश को 800 इंजन बनाकर देगी। वर्ष 2015 में इसके लिए 20 हजार करोड़ रूपये का करार हुआ था। वर्ष 2017-18 में एक, 2018-19 में 4, 2019-20 में 100 इंजन का निर्माण किया जाएगा। इसके बाद वर्ष 2022 से हर साल एक सौ इंजन का निर्माण कारखाना में किया जाएगा।
एल्सटॉम के मुताबिक, फैक्ट्री की क्षमता हर साल करीब 120 इंजन बनाने की है। अगले 11 साल में यहां 800 इंजन बनेंगे, जो भारतीय रेल सिस्टम में शामिल होंगे। मधेपुरा रेल इंजन फैक्ट्री में 2019-20 में करीब 35 और 2020-21 में 60 इंजन बनेंगे। इसके बाद यह फैक्ट्री हर साल करीब 100 इंजन बनाएगी और 11 साल में 800 रेल इंजन बनाकर टारगेट पूरा करेगी। इस फैक्ट्री में रेल इंजन के लिए टेस्टिंग ट्रैक भी बनाए गए हैं।
मधेपुरा में बना इंजन 12000 हॉर्सपावर का है। इसमें एबीबी ट्रांसफॉर्मर लगाया गया है। यह ट्रेन को 120 किलोमीटर प्रति घंटा की अधिकतम रफ्तार देगा। इतनी रफ्तार को संभालने के लिए ट्रेन में क्नोर-ब्रेम्से ब्रेकिंग सिस्टम लगा है। इस इंजन से माल ढुलाई के लिए बने पूर्वी कॉरिडोर की प्रोडक्टिविटी दो गुनी होने का अनुमान है। ऐसा कहा जा रहा है कि मालगाड़ियों की स्पीड 60 किमी/घंटे से 120 किमी/घंटे हो जाएगी। इसके साथ भारी सामान ढोने वाली ट्रेनों की स्पीड भी बढ़ेगी। 12 हजार हॉर्स पावर के इंजन वाली मालगाड़ी से 9 हजार टन सामान ढोया जा सकेगा। रेलवे के एक अफसर के मुताबिक, इसका इस्तेमाल कोल और भारी समानों की ढुलाई में होगा।
इसके अतिरिक्त भारतीय रेल 1 जून से टाइम टेबल के अनुसार प्रतिदिन 200 नॉन एसी ट्रेन चलायेगा जिसकी ऑनलाइन बुकिंग शीघ्र ही शुरु होगी।
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) May 19, 2020
मधेपुरा में बने रेल फैक्ट्री प्रोजेक्ट की लागत 1300 करोड़ रुपए है। रेल इंजन के मेंटेनेंस के लिए उत्तर प्रदेश के सहारनपुर और महाराष्ट्र के नागपुर में मेंटेनेंस डिपो भी बनाए जाएंगे। यहां बनने वाले रेल इंजन की औसत लागत 25-30 करोड़ रुपए है। पहले कुछ इंजन के लिए कवर बॉडी फ्रांस से इम्पोर्ट की गई। बाद में इसे भी मधेपुरा में ही बनाया जाएगा। एल्सटॉम के अनुसार इस फैक्ट्री से 10 हजार से अधिक लोगों को जॉब मिलेगा।