भारत ने कहा- सैनिकों को पीछे हटा लेने का चीनी दावा झूठा, प्रक्रिया अभी जारी है, और बैठकें होंगी

New Delhi : केंद्र सरकार ने चीन के दावों को खारिज कर दिया है। चीन ने दावा किया था कि वह विवादित जगहों से पीछे हट गया है लेकिन 30 जुलाई को विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया कि चीन के सारे दावे मिथ्या हैं। दावों में कोई सच्चाई नहीं है। और हम उम्मीद करते हैं कि चीन ईमानदारी बरतेगा। विदेश मंत्रालय ने कहा है – सैन्य बलों को पीछे हटाने की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है। पूर्वी लद्दाख के एलएसी में बलों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी करने संबंधी कदमों पर विचार करने के लिए भारत और चीन के वरिष्ठ कमांडर निकट भविष्य में मुलाकात करेंगे।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने गुरुवार को ऑनलाइन संवाददाताओं से बातचीत की। बातचीत के दौरान कहा- इस उद्देश्य की दिशा में कुछ प्रगति हुई है लेकिन पीछे हटने की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है। दोनों सेनाओं के वरिष्ठ कमांडर निकट भविष्य में बैठक करेंगे ताकि पीछे हटने की प्रक्रिया को पूरा करने की दिशा में उठाये जाने वाले कदमों पर चर्चा की जा सके।
श्रीवास्तव ने कहा- जैसा कि हमने पहले ही कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाये रखना हमारे द्विपक्षीय संबंधों का आधार है। इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि चीनी पक्ष यथाशीघ्र पूरी तरह से पीछे हटने, तनाव कम करने और सीमावर्ती क्षेत्र में पूरी तरह से शांति बहाल करने के लिए हमारे साथ गंभीरता से काम करेगा जिस पर हमारे विशेष प्रतिनिधियों के बीच सहमति बनी थी। इससे पहले बीजिंग ने कहा था कि चीन और भारत के अग्रिम पंक्ति के सैनिकों ने सीमा पर ज्यादातर स्थानों पर पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी कर ली है और जमीनी स्तर पर तनाव घट रहा है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन से उन खबरों पर टिप्पणी मांगी गई थी जिनमें कहा गया है कि भारत और चीन के सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी, हॉट स्प्रिंग और कोंगका दर्रा इलाकों में पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी कर ली है और सिर्फ पैंगोंग सो इलाके में ही सैनिकों को पीछे हटना है।
वांग द्वारा मंदारिन भाषा में की गई टिप्पणी का अंग्रेजी में अनुवाद करके चीन के विदेश मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया है। इसमें कहा गया है- चूंकि अग्रिम पंक्ति के सैनिक ज्यादातर जगहों से पीछे हट गए हैं, इसलिए जमीनी स्तर पर तनाव कम हो रहा है।

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