भारत ने कहा- चीन एलएसी पर शांति-अमन की बहाली अविलंब सुनिश्चित करे, गंभीरता से कार्रवाई हो

New Delhi : भारत-चीन के बीच जारी सीमा विवाद को लेकर सरकार ने गुरुवार को कहा – चीन सीमा पर शांति की बहाली करे। विदेश मंत्रालय ने कहा- हम चीनी पक्ष से सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और अमन की बहाली अविलंब सुनिश्चित करने और गंभीरता से इसका अनुसरण करने की उम्मीद करते हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा- भारत और चीन के वरिष्ठ कमांडरों की ताजा बैठक में हुई चर्चा वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास तनाव कम करने के दोनों पक्षों की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।

इधर लद्दाख में चीन से तनातनी के बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन की फोन पर बातचीत हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन को जनमत संग्रह में बड़ी जीत हासिल करने पर बधाई दी। इसके कुछ देर बाद ही दोनों देशों के बीच एक बड़े रक्षा सौदे की जानकारी दी गई। इसमें रक्षा मंत्रालय ने रूस से 33 फाइटर जेट खरीदने का एलान किया है। इस पर 18 हजार 148 करोड़ खर्च होंगे।
भारत अपने दोस्त रूस से सुखोई-30 और मिग-29 विमान खरीदेगा। पीएम नरेंद्र मोदी से बातचीत में रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा – भारत और रूस के बीच सामरिक सबंध और मजबूत होंगे। रूस से भारत जिन 33 लड़ाकू विमानों को खरीद रहा है, उसमें 21 मिग-21 एस और 12 सुखोई 30एमकेआईएस लड़ाकू विमान शामिल हैं। इसके अलावा 59 मौजूदा मिग-21 एस को अपग्रेड भी किया जायेगा। रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को बताया – रूस के साथ हो रही इस डील की कुल कीमत 18,148 करोड़ रुपये है।
इसके अलावा रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायुसेना और नौसेना के लिए 248 एस्ट्रा बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर टू एयर मिसाइलों को खरीदने को भी मंजूरी दे दी है। रक्षा मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि डीआरडीओ द्वारा एक नई 1,000 किलोमीटर की स्ट्राइक रेंज लैंड अटैक क्रूज मिसाइल के डिजाइन और अन्य जरूरतों की भी मंजूरी दी गई है।
रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 38,900 करोड़ रुपए के प्रस्तावों को मंजूरी दी, जिसमें से 31,130 करोड़ रुपये की खरीदारी भारतीय उद्योग से होगी। पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद पिछले महीने सेना ने लड़ाकू विमानों को हासिल करने के एक प्रस्ताव को सरकार के पास भेजा गया था।

भारतीय वायुसेना ने जिन 21 मिग 29 का अधिग्रहण करने की योजना बनाई है, वे रूस के हैं। रूस ने वायुसेना को नए लड़ाकू विमानों की आवश्यकता को पूरा करने में मदद करने के लिए इन विमानों को बेचने की पेशकश की है। बता दें कि मिग -29 को वायुसेना द्वारा उड़ाया जाता है और पायलट इससे परिचित होते हैं, लेकिन रूस द्वारा दी जाने वाली ट्रेनिंग अलग है।
फ्रांस जल्द ही भारत को राफेल विमानों की डिलीवरी करने जा रहा है। भारतीय वायुसेना के ‘विशेष निवेदन’ के बाद फ्रांस इन विमानों को समय से पहले भारत भेजेगा। 27 जुलाई को छह राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप आएगी। पहले चार विमानों को पहली खेप में आना था। ऐसे में भारत की वायुसेना की ताकत पहले के मुकाबले काफी बढ़ जाएगी।

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