New Delhi: आए दिन च’क्रवाती तू’फानों का सामना करने वाले तटीय राज्यों को राहत पहुंचाने का जिम्मा केंद्र सरकार ने उठा लिया है। जलवायु लचीलापन को बढ़ावा देने के लिए 43 मिलियन अमरीकी डॉलर की परियोजना को लेकर सरकार ने हामी भर दी है। इस महत्वकांक्षी परियोजना से तट पर रहने वाले 10 मिलियन से अधिक लोगों को लाभ होने वाला है।
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की साझेदारी के साथ भारत इस योजाना को साकार करेगा। हरित जलवायु फंड के द्वारा इस परियोजना को मुकम्मल किया जाएगा। यह फंड जो कि विकासशील देशों की सहायता के लिए बनाई गई है। इसे संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (UNFCCC) के ढांचे के भीतर स्थापित किया गया है।
छह साल की परियोजना आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और ओडिशा में करीब 1.7 मिलियन लोगों को राहत देगी। इस परियोजना के तहत जलवायु को समृद्ध करने वाली आजीविका का निर्माण किया जाएगा। 3.5 मिलियन टन कार्बन की भरपाई होगी, कमजोर पारिस्थितिकी प्रणालियों की रक्षा की जाएगी और साथ ही बेहतर तटरेखा संरक्षण से संबंधित कार्य होंगे।
यूएनडीपी ने अपने बयान में इस परियोजना की जानकारी दी है और सारी रुपरेखाओं पर ध्यान खींचा है। 10 मिलियन लोगों को लाभान्वित के उद्देश्य से शुरू होने वाली इस परियोजना से तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को काफी उम्मीदें हैं।
पर्यावरण मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह परियोजना नई गति की पहल, लचीलापन और अनुकूलन क्षमता बढ़ाने, उत्सर्जन में कमी लाने और स्थायी आजीविका का समर्थन करने में मदद करेगी।
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