संतान कामना लिये लोलार्क कुंड’ में लगाएं आस्‍था की डुबकी, स्नान करने मात्र से ही भर जाती है सूनी गोद

New Delhi : पैसे तो हर धर्म में लेकिन हिंदू धर्म में विशेषतौर पर संतान प्राप्ति के लिए लोग तरहतरह के उपाय करते हैं। महिलाएं कईदेवी देवताओं की पूजा करती हैं मन्नतें मांगती हैं। अपनी सूनी गोद भरने के लिए विभिन्न प्रकार के व्रत और उपवास रखती हैं।

लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि हमारे देश में एक ऐसा कुंड है जिसमें डुबकी लगाने मात्र से संतान की चाह रखने वालेदंपत्तियों की कामना पूरी हो जाती है। प्रत्येक वर्ष इस कुंड पर आस्था का मेला लगता है और देश के कोने कोने से लोग संतान पाने केलिए लोलार्क कुंड में आकर स्नान करते हैं और पूरे विधि विधान से पूजा करते हैं।

लोलार्क कुंड उत्तर प्रदेश के वाराणसी में अस्सी के भदैनी में स्थित है। इस कुंड का बेहद खास महत्व है और माना जाता है कि जो भीदंपत्ति इस कुंड में स्नान करता है उसे संतान का सुख प्राप्त होता है। 

अस्सी के भदैनी स्थित लोलार्क कुंड का स्नान प्रत्येक वर्ष भाद्रपद्र के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को पड़ता है। इसे सूर्य षष्ठी का स्नान भी कहाजाता है। हर वर्ष इस कुंड में स्नान का अलग अलग मुहूर्त होता है। आमतौर पर स्नान सूर्योदय से पहले शुरु हो जाता है सूर्यास्त तकचलता रहता है।

इस कुंड के पास स्थित लोलार्केश्वर महादेव मंदिर के महंत के अनुसार एक बार पश्चिम बंगाल के राजा चर्मरोग से पीड़ित थे और उनकेकोई संतान नहीं थी। तब उन्होंने वाराणसी स्थित लोलार्क कुंड में आकर स्नान किया। इससे सिर्फ उनका चर्म रोग ठीक हुआ बल्किउन्हें संतान की भी प्राप्ति हुई। पुत्र प्राप्ति की खुशी में उन्होंने लोलार्क कुंड का निर्माण सोने की ईंट से कराया। तभी से यहां पर देश भर सेलोग पुत्र की कामना के साथ लोलार्क कुंड में स्नान करते हैं। यही कारण है कि इस कुंड का विशेष महत्व है।

मान्यता है कि लोलार्क कुंड में स्नान करके विधि विधान से कुंड का पूजन करने वाले दंपत्ति की मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं। इस कुंडमें स्नान करने के बाद दंपत्ति को अपने कपड़े और जूता चप्पल यहीं छोड़ना पड़ता है। इसके अलावा लोलार्क कुंड में एक फल भी छोड़ाजाता है। इस कुंड पर संतान की रक्षा के लिए भी प्रार्थना किए जाते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *