New Delhi : कोरोना आपदा को लेकर शुक्रवार को राहतभरी खबर आई। नीति आयोग ने दावा किया है कि लॉकडाउन का निर्णय बहुत समय से लिया गया। अगर केंद्र सरकार ने लॉकडाउन का निर्णय लेने में लेट किया गया होता तो अभी करीब 1 लाख कोरोना मरीज होते। नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल के मुताबिक, लॉकडाउन के पहले हफ्ते में देश में1251 मामले आए और इसका डबलिंग रेट 5.2 रहा। जबकि दूसरे हफ्ते के अंत में 4.2 के डबलिंग रेट के साथ 4421 मामले आए।तीसरे हफ्ते में 10,363 मामले आए और डबलिंग रेट 8.6 रहा। लॉकडाउन के बाद से हमारा डबलिंग रेट बदल गया। अगर लॉकडाउन जैसे उपायों को लागू करके संक्रमण का रेट नहीं रोकते तो आज हमारे देश में काफी नुकसान होता। आज हमारे यहां 23 हजार मामले हैं, अगर लॉकडाउन लागू नहीं होता तो 73 हजार केस होते।
इधर स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया – बीते 14 दिन में 80 जिलों में कोई नया केस सामने नहीं आया। 15 ऐसे जिले भी हैं जहां पिछले 28 दिनों से संक्रमण का कोई नया मामला सामने नहीं आया है। लॉकडाउन के चलते संक्रमितों की संक्रमण के फैलने की रफ्तार भी कम हुई है। अब हर दस दिन में संक्रमितों की संख्या दोगुनी हो रही है। ठीक होने की दर यानी रिकवरी रेट 20.57% हुआ है।
अग्रवाल ने कहा कि अब देश के लोगों ने अपना व्यवहार बदला है। हर गांव-कस्बे में लोगों की सोच है कि इस महामारी को हराना है। लोगों की भागीदारी हमारी उपलब्धि है। अभी और अंतर आने की उम्मीद है। अपने जीवन को सामान्य रखते हुए इस महामारी से कैसे बचना है, इसकी रणनीति बनाई जा रही है। पिछले 24 घंटे में 1684 पॉजिटिव केस सामने आए हैं। इसके साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 23,077 हो गई। किसी भी बीमारी की तरह यह भी एक बीमारी है। इससे जुड़ा किसी भी प्रकार का सामाजिक कलंक खत्म किया जाना चाहिए। इसके लिए हम लोगों में जागरूकता लाने की हम कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसे सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों से ही फैलने से रोका जा सकता है। देश में 9 लाख 45 हजार लोग सर्विलांस में हैं।
अग्रवाल ने कहा कि देश के 734 जिलों, 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों से बीमारी का डेटा जुटा रहे हैं। हम सभी प्रकार के मरीजों की जांच कर रहे हैं। इसके लिए सर्विलांस और रिस्पांस टीम गठित की गई है। आईटी की मदद से रियल टाइम डेटा जुटाने में मदद मिल रही है। कलेक्टरों की मदद से सर्विलांस में मदद मिली है। घर घर जाकर लोगों का सर्वे और सैंपल लिया जा रहा है। अगर कोई संक्रमित मिलता है तो उसे समुचित इलाज दिया जाता है। हमने जिला स्तर से राज्य और केंद्र तक सर्विलांस सिस्टम बनाई गई है।