बिडेन अगर अमेरिका के राष्ट्रपति का चुनाव जीतते हैं तो भारत को UN में स्थाई सदस्यता दिलवायेंगे

New Delhi : अमेरिका का अभी पूरा जोर इस बात पर है कि किसी भी तरह भारत को अपने पक्ष में किया जाये। इसके कुछ राजनैयिक कारण हैं तो कुछ पॉलिटकल माइलेज लेने का मकसद भी शामिल है। अब पूर्व अमेरिकी राजनयिक रिचर्ड वर्मा के बयान को ही देख लीजिये। उन्होंने भारत और भारतीयों को लेकर बड़ा बयान दिया है। शर्त केवल यह है कि डेमोक्रेटिक पार्टी की सरकार बननी चाहिये और भारतीयों को डेमोक्रेटिक पार्टी के पक्ष में मतदान करना चाहिये।
दरअसल यूएसए के पूर्व राजनयिक रिचर्ड वर्मा ने भारतीय मूल के अमेरिकी वोटरों को डेमोक्रेटिक पार्टी के पक्ष में वोट करने के लिये एक बड़ा बयान दिया है। यह बेहद दिलचस्प बयान है और भारत के लिये बेहद फलदाई भी। उन्होंने कहा है – अगर बिडेन नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में जीत जाते हैं तो वह भारत को यूनाइटेड नेशन्स में स्थाई सीट दिलाने में मदद करेंगे।

भारत लंबे समय से सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्यता के लिये प्रयासरत है। भारत लगातार संयुक्त राष्ट्र की दूसरी संस्थाओं में सुधार पर जोर दे रहा है। भारत का मानना है कि मौजूदा समय में इन संस्थाओं में पर्याप्त प्रतिनिधि भी नहीं हैं। एजेंसी रिपोर्टस के मुताबिक वर्ष 2014 से 2017 तक भारत में अमेरिका के राजदूत रहे रिचर्ड वर्मा ने शनिवार को कहा – इस बात में कोई संदेह नहीं है कि बिडेन भारत को सुरक्षा परिषद में स्थाई सीट दिलाने में मदद करेंगे। वह दोनों देशों के नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिये भारत के साथ मिलकर काम करेंगे। इसका निहितार्थ यह निकाला जा रहा है कि बिडेन भी भारत को सीमा के मसलों और सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर समर्थन देंगे। ऐसे में यह पाकिस्तान और चीन के लिये सीधे-सीधे बुरी खबर है।
77 वर्षीय पूर्व उपराष्ट्रपति जो बिडेन डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं। बिडेन तीन नवंबर के राष्ट्रपति चुनावों में रिपब्लिकन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चुनौती देंगे। रिचर्ड वर्मा, बिडेन यूनिटी टास्क फोर्स की आर्थिक नीति सलाहकार सोनल शाह, पूर्व अमेरिकी सर्जन जनरल विवेक मूर्ति और सेंटर फॉर अमेरिकन प्रोग्रेस एक्शन फंड की सीईओ नीरा टंडन ने एक वर्चुअल बैठक में कहा – बिडेन का भारतीय मूल के अमरीकियों का सबसे अच्छा दोस्त होने का ट्रैक रिकॉर्ड रहा है। फिर चाहे वह डेलावेयर से सीनेट के सदस्य रहें हों या फिर उपराष्ट्रपति। वर्मा ने कहा – इसमें कोई संदेह नहीं है कि बिडेन एक बेहतर और शांतिप्रिय सोसाइटी को डेवलप करेंगे। यूएस-भारत के संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जायेंगे।

बिडेन ने 2006 में कहा था – उनका सपना है कि भारत और यूएसए दो सबसे निकटवर्ती राष्ट्र के तौर पर काम करे। ऐसा होता है तो दुनिया सुरक्षित हो जायेगी। वर्मा ने कहा – बिडेन ने यह सपना वर्ष 2006 में देखा था और आज 2020 है। चलो अब हम बिडेन के सपने को एक वास्तविकता में बदलते हैं। सोनल शाह ने कहा – मैं बिडेन को वोट देंगी, क्योंकि मैं एक ऐसा देश चाहती हूं, जो मेरे जैसे लोगों के लिये, मेरे दोस्तों के लिये, सहयोगियों के लिये खुला रहे।

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