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UPSC एग्जाम से पहले चले गए थे डिप्रेशन में, विदेश की नौकरी भी छोड़ी….आज IAS हैं शिशिर गुप्ता

New Delhi: शिशिर गुप्ता राजस्थान के जयपुर के रहने वाले हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा जयपुर में की। उनके पिता एक सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल हैं। कम उम्र से ही, उन्होंने आईएएस अधिकारी बनने का सपना देखा और 12 वीं कक्षा के बाद जेईई एडवांस की परीक्षा पास की और आईआईटी बॉम्बे के लिए सेलेक्शन हो गया। 2013 में उन्होंने आईआईटी बॉम्बे से केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। अबू धाबी में अच्छी नौकरी मिली लेकिन, अपने यूपीएससी के सपने के कारण, उन्होंने नौकरी छोड़ दी। हालांकि, यूपीएससी परीक्षा पास करने के दो असफल प्रयासों के बाद वे डिप्रेशन में भी चले गए, लेकिन परिवार से मिले साहस ने उन्हें मोटिवेट किया और वो आईएएस अफसर बन गए।

2016 में उन्होंने पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी, लेकिन वह बीमार पड़ गए। पहले अटेंप्ट में वे मेन्स क्लियर नहीं कर सके। उन्होंने 2017 में दूसरा प्रयास किया, लेकिन वह 6 नंबर से रह गए।

एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि दो बार फेल होने के बाद वह डिप्रेशन में आ गए थे। उनके परिवार को डर था कि वह आत्महत्या का प्रयास करेंगे इसलिए उनकी मां उसके साथ सोती थीं। असफलता और डिप्रेशन से जूझने के बाद, उन्होंने फिर से यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू की और 2019 में ऑल इंडिया रैंक 50 हासिल की। उन्होंने सेल्फ स्टडी पर ध्यान फोकस किया और कई बार रिवीजन किया।

परिवार से मिले सपोर्ट के बाद शिशिर गुप्ता (Shishir Gupta IAS) ने सेल्फ स्टडी पर फोकस किया था। उन्होंने UPSC टॉपर (UPSC Topper) के मॉडल उत्तरों को देखकर अपनी आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस की और अपने आंसर सुधारे। कई बार रिवीजन किया और 2019 में फिर एक बार UPSC का एग्जाम दिया था। ये वो वक्त था जब उनका सपना पूरा हुआ।

 

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