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हादसे के बाद ससुराल वालों ने छोड़ दिया था साथ, आंखों में आंसू और मन में जुनून से बनी IAS अफसर

New Delhi: प्रीति बेनीवाल हरियाणा के डुपेडी गांव की रहने वाली हैं। उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा नजदीकी गांव फफदाना से पूरी की। इसके बाद पानीपत से 10वीं पूरी की। वहीं, 12वीं पूरी होने के बाद उन्होंने हरियाणा के ही इसराना कॉलेज से बीटेक और एमटेक की डिग्री पूरी की। प्रीति की कहानी बेहद भावुक करने वाली हैं। उन्होंने जीवन में कई संघर्ष किए और आखिरकार सफलता की सीढ़ी चढ़ीं।

दरअसल, हुआ यूं कि प्रीति एफसीआई में नौकरी करते हुए प्रमोशन के लिए एग्जाम देने जा रही थी। इस दौरान गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर उनका पैर फिसल गया, जिससे वह पटरी पर गिर गई। वहीं, ट्रेन गुजरने की वजह से वह गंभीर रूप से घायल हो गई। अस्पताल पहुंचने पर उनकी 14 सर्जरी की गई। वहीं, इसके बाद उन्होंने एक साल तक बेड रेस्ट भी किया। जब प्रीति इस हादसे का शिकार हुई, तो उनके पति व ससुराल पक्ष के लोगों ने उन्हें छोड़ दिया।

अस्पताल में प्रीति की 14 सर्जरी हुईं और उन्हें एक साल तक बेड रेस्ट करना पड़ा। जब प्रीति इस हादसे का शिकार हुई, तो उनके पति व ससुराल पक्ष के लोगों ने उन्हें इसी हालत में छोड़ दिया। इस हादसे से वह पूरी तरह से टूट गईं। लेकिन उन्होंने तब भी हार नहीं मानी, बल्कि एक आईएएस अधिकारी बनने का निर्णय लिया। वह दिन-रात मेहनत कर सिविल सेवा की परीक्षा की तैयारियों में जुटी रहीं।

प्रीति बेनीवाल के लिए यह आसान नहीं था। दो बार यूपीएससी परीक्षा में वह असफल रहीं लेकिन वर्ष 2020 में प्रीति बेनीवाल ने पूरे भारत में 754 रैंक हासिल की। फिलहाल वह दिल्ली विदेश मंत्रालय में अपनी सेवाएं दे रही हैं। आईएएस प्रीति बेनीवाल ने दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में बताया कि हादसे के बाद उनके पिता ने लगातार मोटीवेट किया और हमेशा आगे बढ़ने के लिए कहा। उनकी कहानी सच में बहुत प्रेरणादायक है।

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