New Delhi: आशीष कुमार कई परेशानी से बाद आज आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने पहली बार तो नोट्स भी नहीं बनाए थे। दूसरे प्रयास की तैयारी में उन्होंने नोट्स तैयार किए। कई मॉक टेस्ट दिए। साथ ही उन्होंने अपनी एक टाइमलाइन सेट की। उन्होंने तय किया कि खुद को तीन मौके देंगे। यदि तीन बार में यूपीएससी क्रैक नहीं हुआ तो किसी अन्य फील्ड में करियर की तलाश करेंगे।
आशीष का मानना है कि यदि पूरी इमानदारी समर्पण के साथ प्रतिदिन सात से आठ घंटे पढ़ाई की जाए तो यूपीएससी क्रैक कर सकते हैं। आशीष कहते हैं कि यह उम्मीदवारों की क्षमता पर भी निर्भर करता है। इसलिए पढ़ाई के घंटे एकदम तय नहीं कर सकते। लेकिन हर दिन जरूर पढ़ना चाहिए।
आशीष ने साल 2017 में इकोनॉमिक्स सब्जेक्ट के साथ ग्रेजुएशन कम्प्लीट किया और यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी में लग गए। उनका टार्गेट एकदम क्लीयर था। इसलिए उन्होंने ग्रेजुएशन के बाद यूपीएससी की तैयारी के अलावा कोई और काम नहीं किया।
आशीष कुमार ने साल 2018 में पहली बार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा दी। प्रीलिम्स में वह महज 0.33% अंक से बाहर हो गए। इससे उन्हें थोड़ा तो झटका लगा। लेकिन इतने कम अंकों से मिली असफलता ने उन्हें तैयारी पर और अधिक फोकस करने में मदद की। उन्होंने दूसरी बार के एग्जाम की तैयारी में अपनी पिछली गलतियों को ठीक किया।
आशीष कुमार का मानना है कि यूपीएससी की तैयारी हमेशा सीमित किताबों के साथ करनी चाहिए। यदि कहीं समस्या आए तो इंटरनेट की मदद ले सकते हैं लेकिन सोशल मीडिया से तो पूरी तरह दूरी बनानी होगी। सोशल मीडिया आपको लक्ष्य से भटका सकती है। आशीष कहते हैं कि कुछ लोग स्मार्ट स्टडी करना पसंद करते हैं। लेकिन इंटरनेट और किताबों के बीच संतुलन जरूरी है। यूपीएससी परीक्षा में आशीष कुमार ने 53वीं रैंक लाकर आईएएस अधिकारी बने।