विदेशी नहीं गये होटल, बोले – असली भारत देख रहे हैं, चापाकल का पानी बहुत टेस्टी है, खेत-बाग घूमते हैं

New Delhi : कोरोना आपदा और लॉकडाउन की वजह से एक विदेशी परिवार उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में फंस गया। यह परिवार भारत दर्शन के बाद सड़क मार्ग से ही नेपाल जा रहा था। लॉकडाउन और मौजूदा परिस्थितियों में उन्हें नेपाल जाने की इजाजत नहीं दी गई। पूरे परिवार ने पास के ही एक मंदिर में डेरा डाल दिया। जब प्रशासन को उनके यहां होने की खबर मिली तो उनसे रिक्वेस्ट किया गया और दो चार होटलों के बारे में बताया गया कि आप होटल में रुकिये। लेकिन यह फ्रांसीसी परिवार तैयार नहीं हुआ और उसने कहा कि हम असली भारत का आनंद ले रहे हैं। चापाकल का पानी पीते हैं। खेतों में घूमते हैं। मंदिर में पूजा करते हैं। हमें इस मुश्किल घड़ी में भी यहां आनंद आ रहा है।

परिवार खाना बनाने में जुटा है।

फ्रांसीसीयो की यह टोली सड़क मार्ग से भारत को घूम नेपाल जा रही थी। पर नेपाल से 30 किमी पूर्व पहुचते ही पूरे देश में लॉकडाउन हो गया और वह टोली वहीं गांव में फंस गयी। जिसके बाद ये फ्रांसीसी परिवार 22 मार्च से लक्ष्मीपुर क्षेत्र के कोल्हुआ ढाले के पास स्थित शिव मंदिर के पास अपना डेरा जमाये हुये हैं। ये परिवार फरवरी से ही यात्रा पर निकला था और टूरिस्ट वीसा पर भारत आया था। 25 मार्च को नेपाल जा रहे थे, लेकिन कोरोना के कारण अंतरराष्ट्रीय सीमा सील होने से इनको रोक दिया गया।

परिवार गांव का पूरा आनंद ले रहा है।

मंदिर में ठहरे होने की सूचना मिलने पर वहां के पुजारी ने उन्हें राशन और अन्य सामग्री उपलब्ध कराई। साथ ही स्थानीय ग्राम प्रधान ख्याल रख रहे हैं। प्रशासन को जानकारी होने के बाद इनका स्वास्थ्य परीक्षण भी करवाया और पूरा परिवार पूरी तरह से स्वास्थ है। प्रशासन ने होटल में रुकने का प्रस्ताव दिया जिसे उन्होंने ठुकरा दिया। उन्होंने उसी गांव में रुकने की इच्छा जाहिर की। इस फ्रांसीसी परिवार को भारत में काफी अच्छा लग रहा है। फ्रेंच परिवार भगवान भोलेनाथ की पूजा कर विश्व को कोरोना वायरस से निजात दिलाने के लिए प्रार्थना भी कर रहा है। इस फ्रंसीसी परिवार का कहना है कि जब लॉकडाउन खत्म होगा, तो एक बार फिर से वह नेपाल घूमने के लिए निकलेंगे।

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