New Delhi : वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच कल देर रात भारतीय वायुसेना के जवानों ने ऑपरेशन करते हुए अपना जौहर दिखाया है। एयरफोर्स के जवानों ने चिनूक, मिग-29, अपाचे सहित अन्य आधुकनिक तकनीक वाले फाइटर जेट और हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल कर नाइट ऑपरेशन किया।
भारत-चीन सीमा के पास एक फॉरवर्ड एयर बेस में वरिष्ठ फाइटर पायलट ग्रुप कैप्टन ए राठी ने कहा- नाइट ऑपरेशन अचानक होता है। भारतीय वायुसेना किसी भी परिस्थिति में आधुनिक प्लेटफार्म और अपने उत्साही जवानों की मदद से ऑपरेशन के पूरी तरह से प्रशिक्षित और तैयार है।
Indian Air Force (IAF) Apache attack helicopter at a forward airbase near India-China border carried out night operations. pic.twitter.com/oPbB02hsQM
— ANI (@ANI) July 7, 2020
चीन अपनी बातों पर कभी भी कायम नहीं रहा है। गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों पर धोखे से वार से लेकर 1962 तक उसकी धोखे की पुरानी आदत है। पीएम नरेंद्र मोदी कई मौके पर चीन को बिना नाम लिये चेता भी चुके हैं कि यह 1962 वाला भारत नहीं है। भारत ने लद्दाख घाटी में चीन को करारा जवाब देने के लिए सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है। सैन्य साजो सामान से लेकर लड़ाकू विमान तक सीमा पर चीन को दहला रहे हैं।
ड्रैगन के धोखे के इतिहास को देखते हुये इसबार भारत कोई चूक नहीं करना चाहता है। इसकी बानगी उत्तराखंड बॉर्डर पर दिखी। यहां चौकस भारतीय वायुसेना ने चीन और नेपाल सीमा के पास चॉपर से तीन बार उड़ान भरकर जायजा लिया। उत्तरकाशी के पास चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी का वायुसेना परीक्षण कर रही है। सोमवार को वायुसेना के हेलिकॉप्टर ने सीमा तक उड़ान भरी और हवाई पट्टी पर तीन बार टेक ऑफ और लैंडिंग की।
भारतीय वायु सेना का एक AN-32 परिवहन विमान उत्तराखंड के चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर लैंड कराया गया। इसके अलावा भारत-चीन सीमा के पास एक फॉरवर्ड एयरबेस पर चिनूक हेलीकॉप्टर से रात में ऑपरेशन किया गया। इससे इतर भारतीय वायु सेना के मिग-29 लड़ाकू विमानों ने भारत-चीन सीमा के पास एक फॉरवर्ड एयरबेस पर नाइट ऑपरेशन किया। साथ ही सीमा के पास अपाचे ने भी रात में अपना जौहर दिखाया।