New Delhi : कोरोना आपदा और लॉकडाउन के बीच जब पूरा देश छोटी सी छोटी जरूरतों से जूझ रहा है वहीं रेलवे का दिल एक बीमार बच्चे के लिये पसीजा और रेल ने जोधपुर से ओडिशा उसके लिये मालगाड़ी से दूध पहुंचा दिया। राजस्थान के फालना से ओडिशा ऊंट का दूध पहुंचाने की व्यवस्था की गई। दरअसल, ओडिशा के बरहमपुर का रहने वाला एक साढ़े तीन साल का बच्चा ऑटिज्म और फूड एलर्जी से पीड़ित है, जिसके लिए रेलवे ने यह व्यवस्था की।
दस दिन पहले रेलवे ने राजस्थान से ही मुम्बई की ऊंटनी का दूध एक दूसरे बीमार बच्चे के लिये भी पहुंचाया था। राजस्थान के फालने से ऊंट का दूध दो दिन में पार्सल एक्सप्रेस से दिल्ली और हावड़ा होते हुए भेजा गया जो बच्चे के परिजनों को भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन पर गुरुवार को मिला। इस दुर्लभ दूध का करीब 20 किलो का पैकेट ओडिशा पहुंचाया गया। यह पूरी व्यवस्था भारतीय रेलवे यातायात सेवा द्वारा शुरू की गई सुविधा ‘सेतु’ ने की। बच्चे के चाचा ने कहा कि हम रेलवे के आभारी हैं जो उन्होंने सेतु सुविधा के माध्यम से लॉकडाउन के दौरान ऊंट के दूध की व्यवस्था की। ऊंट का दूध मेरे भतीजे के लिए आवश्यक है क्योंकि वह फूड एलर्जी और ऑटिज्म से पीड़ित है।
इससे पहले फालना स्टेशन से मुंबई एक साढ़े तीन साल के बच्चे के लिए ऊंटनी के दूध का बंदोबस्त कराया गया था। बच्चे को ऊंटनी के दूध की सख्त जरूरत थी। लॉकडाउन के कारण ऐसा संभव नहीं हो पा रहा था। उत्तर पूर्व रेलवे के अफसरों ने लुधियाना से वाया अजमेर होकर मुंबई जा रही पार्सल ट्रेन को फालना में बिना स्टोपेज रुकवाया। इसके बाद यहां ऊंटनी का दूध बेचने वाली कंपनी कैमल करिश्मा के जरिए 20 लीटर दूध और ऊंटनी के दूध का एक किलो पाउडर भेजने की व्यवस्था करवाई। यह दूध बच्चे के माता-पिता को मिल चुका है। उन्होंने रेलवे प्रशासन का धन्यवाद दिया।