New Delhi : विकास दुबे के गांव बिकरू में लोगों ने खूब मिठाइयां बांटी। पटाखे छोड़े गये। सिर्फ गांव के लोग ही नहीं बल्कि इलाके के लोग खुशी से झूम रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि विकास दुबे और उसके गैंग से पूरा इलाका परेशान था। कोई ऐसा नहीं है जो उसके जाने से खुश नहीं है। किसी की जमीन हड़प ली थी तो किसी का मकान। किसी की मांग उजाड़ दी थी तो किसी को अनाथ बना दिया था।
Kanpur: People in Bikaru village distribute sweets after history-sheeter #VikasDubey was killed in police encounter today. Locals say, "This entire area is very happy today. It feels as if we are finally free. This is the end of an era of terror. Everyone is very happy." pic.twitter.com/0K03aR5MBF
— ANI UP (@ANINewsUP) July 10, 2020
आसपास के लोग उत्तर प्रदेश पुलिस के कारनामे से बहुत खुश हैं। उनका कहना है कि यूपी पुलिस ने जो भी किया है एकदम सही किया है। उसके साथ यही होना चाहिये था। जो लोग उसके पक्ष में बोल रहे हैं वे इंसान नहीं है। पुलिस का काम है लोगों के मन से डर और भय खत्म करना। उत्तर प्रदेश पुलिस ने यही काम किया है।
वैसे विपक्ष पार्टियां ऐसा नहीं सोचतीं। कांग्रेस नेता और और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर यूपी पुलिस और योगी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाया है। दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया- जिसका शक था वह हो गया। विकास दुबे का किन किन राजनैतिक लोगों से, पुलिस व अन्य शासकीय अधिकारियों से उसका संपर्क था, अब उजागर नहीं हो पायेगा। पिछले 3-4 दिनों में विकास दुबे के 2 अन्य साथियों का भी एनकाउंटर हुआ है लेकिन तीनों एनकाउंटर का पैटर्न एक समान क्यों है?
कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बड़ा सवाल उठाया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है – अपराधी का अंत हो गया, अपराध और उसको सरंक्षण देने वाले लोगों का क्या? इसके जरिये उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सीधा सवाल पूछा है।
इससे पहले गुरुवार को भी प्रियंका गांधी ने विकास दुबे की गिरफ्तारी पर उत्तर प्रदेश सरकार पर सवाल किया था। उन्होंने ट्वीट कर कहा था – कानपुर के जघन्य अपराध में यूपी सरकार को जिस मुस्तैदी से काम करना चाहिए था, वह पूरी तरह फेल साबित हुई। अलर्ट के बावजूद आरोपी का उज्जैन तक पहुंचना, न सिर्फ सुरक्षा के दावों की पोल खोलता है बल्कि मिलीभगत की ओर इशारा करता है।
STF issues press note in #VikasDubey encounter matter. "A herd of cattle had come in front of the vehicle due to which driver took sudden turn leading to accident…Police tried to go close to him to nab him alive but he continued to fire. Police retalitaed in self-defence…" pic.twitter.com/iOXaXv8vno
— ANI UP (@ANINewsUP) July 10, 2020
उन्होंने लिखा – तीन महीने पुराने पत्र पर ‘नो एक्शन’ और कुख्यात अपराधियों की सूची में ‘विकास’ का नाम न होना बताता है कि इस मामले के तार दूर तक जुड़े हैं। यूपी सरकार को मामले की CBI जांच करा सभी तथ्यों और प्रोटेक्शन के ताल्लुकातों को जगज़ाहिर करना चाहिए।इधर उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पुलिस और युपी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाया। अखिलेश ने ट्वीट कर कहा – दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज खुलने से सरकार पलटने से बच गई है।