New Delhi : दिल की बीमारी से जूझ रही गाजियाबाद की एक महिला मरीज के परिजन दिनभर उसे भर्ती कराने के लिये दिल्ली के एक हॉस्पिटल से दूसरे हॉस्पिटल के चक्कर लगाती रही लेकिन किसी ने भर्ती नहीं किया। महिला को इलाज नहीं मिल सका। और अंतत: महिला ने मेरठ के एक हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही तड्प तड़प कर जान दे दी। गाजियाबाद के प्रताप विहार की रहने वाली ममता को दिल की बीमारी थी। रविवार सुबह उसके सीने में दर्द हुआ था।
Excellent step by LG to overrule Delhi Govt's idiotic order of not treating patients from other states! India is ONE and we have to fight this pandemic together! #IndiaFightsCorona
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) June 8, 2020
परिजन महिला को लेकर सबसे पहले दिल्ली के जीटीबी हॉस्पिटल गये, लेकिन वहां से लौटा दिया गया। फिर वह हेडगेवार, एम्स, सफदरजंग और आरएमएल गये मगर कहीं इलाज नहीं मिला। करीब 4 बजे वह गाजियाबाद के एमएमजी अस्पताल पहुंचे। यहां से उन्हें मेरठ मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया। परिजन फिर मेरठ की ओर भागे मगर ममता ने एंबुलेंस में दम तोड़ दिया। ठीक इसी तरह शुक्रवार को खोड़ा की एक गर्भवती महिला की इलाज न मिलने से जान चली गई थी।
इसी तरह एक अन्य मामले में आजाद विहार में रहने वाले 58 वर्षीय शख्स कोरोना पीड़ित थे। उनके बेटे संदीप रावत ने बताया कि वह 5 जून को सेक्टर-33 स्थित एक निजी अस्पताल में इलाज के लिये ले गया। वहां डॉक्टरों ने कोरोना जांच को कहा। उन्होंने जिला अस्पताल में नमूना दे दिया। वहां पहले कहा गया कि क्वारंटाइन करेंगे मगर बाद में जाने को कह दिया। रावत ने कहा, मैं पास के ही एक निजी अस्पताल में पिता को ले गया। लेकिन उन्होंने भी भर्ती नहीं किया। हम घर आ गये। रविवार को सुबह से उन्हें सांस लेने में दिक्कत आ रही थी। हम उन्हें जिला अस्पताल लेकर जा रहे थे, लेकिन एंबुलेंस में ही उनकी जांच चली गई। एंबुलेंस में आते समय मुझे फोन पर बताया गया कि पिता कोरोना संक्रमित हैं, कई बार मांगने पर भी मुझे उसकी रिपोर्ट नहीं दी गई।