New Delhi : भारत गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का गैर-स्थायी सदस्य निर्विरोध चुन लिया गया है। एशिया-प्रशांत श्रेणी की सीट से भारत आठवीं बार गैर-स्थायी सदस्य बना है। बहुपक्षीय प्रणालियों में सुधार के लक्ष्य के साथ भारत इस कार्यकाल का बेहतर उपयोग करके एक स्थायी सीट के अपने दावे को आगे बढ़ा सकेगा। सीट के लिए दावेदार सात देशों में, भारत 2021-22 के लिए क्षेत्र से निर्विरोध था।
India elected non-permanent member of UN Security Council
— Press Trust of India (@PTI_News) June 17, 2020
“India’s 🇮🇳 election to the UN Security Council is a testament to Prime Minister Modi's Vision and his inspiring global leadership, particularly in the time of #COVID19" Amb. T. S. Tirumurti,India's Permanent Representative to the United Nationspic.twitter.com/v2uWQIS0ge
— All India Radio News (@airnewsalerts) June 17, 2020
भारत संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के एशिया-प्रशांत समूह का समर्थन प्राप्त करने वाला एकमात्र उम्मीदवार था और इस मुकाबले में कोई देश नहीं आया। 15 सदस्यीय परिषद में पांच अस्थायी सीट में से एक के लिए भारत का चुनाव किया गया है। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र में कुछ राजनयिकों ने इसके लिए काफी आंतरिक प्रयास किए हैं।
भारत को उम्मीद है कि विस्तारित सुरक्षा परिषद में एक स्थायी सीट के लिए अपनी दावेदारी को आगे बढ़ाने के लिए वह अपने आठवें कार्यकाल का उपयोग करेगा। सुरक्षा परिषद के प्रत्येक नए सदस्य को दो तिहाई वोट जीतने की आवश्यकता होती है, जिसका अर्थ है कि सभी 193 देशों के वोटों के अनुसार 128 वोट।
India wins the United Nations Security Council elections as a non-permanent member from the Asia-Pacific category; it was standing unopposed from the block for 2021-22 term. This is for the 8th time that India has been elected to UNSC. pic.twitter.com/GjnS7969V1
— ANI (@ANI) June 17, 2020
इसके लिए कई बार मतदान करना पड़ता है। सुरक्षा परिषद में वीटो-अधिकार वाले पांच बड़े देश ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस और अमेरिका के अलावा 10 गैर-स्थायी सदस्य हैं। गौरतलब है कि भारत की उम्मीदवारी का पिछले साल जून में एशिया प्रशांत ग्रुपिंग के 55 सदस्यों ने सर्वसम्मति से अनुमोदन किया था। इनमें चीन और पाकिस्तान भी शामिल था। भारत के दृष्टिकोण से चुनाव प्रक्रिया में किसी भी तरह के बदलाव से उसकी उम्मीदवारी पर कोई असर नहीं पड़ने वाला था।