New Delhi : स्कूलों को खोलने को लेकर सरकारें जल्दबाजी में नहीं हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से इस मुद्दे पर चर्चा के लिए सोमवार 8 जून को बुलाई गई बैठक में ज्यादातर राज्यों ने स्कूलों के खोलने की योजना को अगले दो महीने तक और स्थगित रखने का सुझाव दिया है।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों को स्पष्ट कर दिया है कि वे अपनी ओर से स्कूल खोलने जैसे महत्वपूर्ण फैसले पर कुछ भी न करें। स्कूलों को खोलने पर केंद्र सरकार में फिलहाल 15 जुलाई के आसपास समीक्षा होगी। उसके बाद ही स्कूलों, कालेजों और कोचिंग सेंटरों को खोलने पर कोई निर्णय हो पायेगा। स्कूलों को लेकर कोई भी गाइडलाइन गृह और स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के बाद ही जारी की जायेगी। इसके बाद ही कोई भी राज्य अपनी स्थिति के आधार पर स्कूलों को खोलने का निर्णय ले सकेंगे।
As directed by me, Smt. Anita Karwal, Secretary of School Education and Literacy department, MHRD is taking a meeting of all state education secretaries to discuss health & safety of students, hygiene measures in schools & issues regarding online/digital learning in their states.
— Dr Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) June 8, 2020
बता दें कि अनलॉक-1 में स्कूलों के जुलाई से खोले जाने पर विचार की बात सामने आने के बाद देश भर के 2 लाख से अधिक अभिभावकों ने एक ऑनलाइन पीटिशन पर हस्ताक्षर किये और केंद्र को सौंपा। इसमें कहा गया- जब तक कोरोना वायरस की स्थिति में सुधार नहीं होता या टीका तैयार नहीं होता तब तक स्कूलों को फिर से नहीं खोला जाना चाहिये।
बहरहाल 8 जून को ऑनलाइन शिक्षा को लेकर भी राज्यों के साथ मंत्रालय ने चर्चा की है। इस दौरान ज्यादातर राज्यों ने इसे लेकर तैयारी तेज करने की जानकारी दी। जबकि कुछ राज्यों ने ऐसे बच्चों के लिए स्कूलों को खोलने की जरूरत बताई, जिसके पास अभी ऑनलाइन शिक्षा से जुड़ने का कोई माध्यम नहीं है। यानी टीवी, मोबाइल नहीं है।
मंत्रालय ने इस दौरान केंद्र की ओर से ऑनलाइन शिक्षा को लेकर उठाये जाने वाले कदमों से अवगत कराया। वह जल्द ही पहली से बारहवीं तक के बच्चों के लिए अलग से एक चैनल शुरू करने जा रहे है। इसकी तैयारी में एनसीईआरटी जुटा हुआ है। इस बीच बिहार की ओर से स्कूलों के खुलने में देरी को देखते हुए केंद्र सरकार से स्कूलों में बच्चों को मिलने वाले मिड-डे मील का कोटा जारी करने का सुझाव दिया। ताकि वह बच्चों के घर तक उन्हें समय से पहुंचा सके।
मंत्रालय ने इस दौरान सभी राज्यों को यह सलाह दी, कि स्कूलों के खोलने का निर्णय जब तक नहीं हो रहा है, तब तक वह स्कूलों में बच्चों को संक्रमण से बचाव से जुड़ी सारी तैयारी जुटा लें। जिसमें हाथ धुलने के लिए एक ऐसा स्थल जहां बच्चे बगैर एक-दूसरे के संपर्क में आए साबुन से हाथ धुल सके। इसके लिए सभी स्कूलों में साबुन अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने को कहा गया है। इसके अलावा बच्चों को एक दिन छोड़कर स्कूल बुलाने जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
I am happy to share that we are signing an MoU with @Rotary tomorrow to provide audio-visual content in Hindi for Classes I to XII for TV telecast and other online platforms of MHRD like Vidyadaan, Diksha, Swayam Prabha etc.
Stay tuned…@ncert— Dr Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) June 8, 2020
चर्चा में स्कूलों के खुलने में देरी को देखते हुए कुछ राज्यों ने कोर्स को छोटा करने की बात कही, लेकिन ज्यादातर राज्यों ने इसे लेकर असहमति जताई और कहा कि पहले से कोर्स काफी छोटा है। जब हमारे पास समय कम है, तो हमें पढ़ाई के इतर होने वाली बाकी गतिविधियों को बंद रखना चाहिए। जिसमें खेलकूद और सांस्कृतिक गतिविधियां शामिल है।