New Delhi : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा – भारत को अब चीन पर निर्भर नहीं रहना चाहिये। घरेलू विनिर्माण में तेजी लाने के लिए रिसर्च और इनोवेशन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिये। उन्होंने कहा – सरकार आयात प्रतिस्थापन के लिए एक नई नीति बनाने पर काम कर रही है। उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय की गई है, जब लद्दाख में दोनों देशों के बीच सीमा संघर्ष नये चरम पर पहुंच गया है।
केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री ने भारत में कोरोना महामारी के बाद इलेक्ट्रिक वाहनों की रूपरेखा पर एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा – मुझे लगता है कि यह समय है, जो मैं सीधे आपको बताना चाहता हूं क्योंकि मैं पहले इन शब्दों का उपयोग नहीं कर रहा था। हमें अब चीन पर निर्भर नहीं रहना चाहिये।
#LiveNow Webinar on 'Regenerative Economic Transformation', Catalyst 2030 https://t.co/eqxy633c1u
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) June 18, 2020
उन्होंने कहा – भले ही वर्तमान में चीन के सामानों की कीमतें आकर्षक हैं और भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियां कुछ हिस्सों का आयात करके अच्छा मुनाफा कमा रही हैं, लेकिन देश में स्थानीय स्तर पर हर चीज का उत्पादन करना चाहिये। गडकरी ने कहा कि इसके बिना, हमारे पास अच्छा भविष्य नहीं है। अन्यथा कहीं न कहीं चीन की कंपनियां शुरुआत में उचित रियायती दर दे सकती हैं और जब आपका उद्योग अच्छा उत्पादन प्राप्त करेगा तो वे अधिक शुल्क लेंगे। गडकरी ने कहा, इससे फिर से एक समस्या होगी। इसलिए इस उद्योग के लिये हर चीज पर आत्मनिर्भरता सफलता की कुंजी है।
दूरसंचार विभाग ने निजी क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों से चीनी उपकरणों पर उनकी निर्भरता कम करने के लिए कहा है। भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के 4जी उन्नयन में किसी भी चीनी उपकरण का इस्तेमाल नहीं करने का निर्णय लिया है और बीएसएनएल को इससे अवगत करा दिया जाएगा। महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड को भी इसी तरह का संदेश दिया जा सकता है। भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी निजी क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियां सीओएआई की सदस्य हैं।