New Delhi : कोरोना वायरस के कारण लगे तीन महीने के लॉकडाउन से पैसे की तंगी झेल रहे दिव्यांग क्रिकेट टीम का पूर्व कप्तान आज नरेगा में पत्थर तोड़ रहा है। उसके पास न ही रोजगार है न ही कोई सरकारी मदद अब तक उस तक पहुंची है। भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान राजेंद्र सिंह धामी, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) योजना के तहत एक मजदूर के रूप में काम कर रहे हैं। धामी पेरालाइसिस के कारण 90 प्रतिशत दिव्यांग हैं और वर्तमान समय में उत्तराखंड टीम के कप्तान हैं।
Pithoragarh: Ex-captain of Uttrakhand Wheelchair Cricket Team Rajendra Singh Dhami is working as a labourer under MGNREGA scheme amid #COVID19 pandemic. Says "A tournament was scheduled but got postponed due to COVID. I request the govt to provide me job as per my qualification." pic.twitter.com/VK6nfHUz7W
— ANI (@ANI) July 28, 2020
उनकी इस हाल की खबर पाकर समाचार एजेंसी एएनआई जब उनके पास पहुंची तो धामी ने एएनआई को बताया- एक टूर्नामेंट होने को था लेकिन कोरोना के कारण वो स्थगित हो गया। जिसके चार महीने के बाद तक मैं घर में ही बिना किसी आर्थिक मदद के घर पर ही बैठा रहा। अब मैं सरकार से अपनी योग्यता के अनुसार मुझे नौकरी देने का अनुरोध करता हूं।
जब इसकी खबर जिला मजिस्ट्रेट डॉ. विजय कुमार जोगदंडे को लगी तो उन्होंने आनन फानन में इस पर संज्ञान लेने की बात कही जिला कलेक्टर ने कहा कि हमारे अधिकारियों ने जिला खेल अधिकारी से इस विषय में बात की है और कहा है कि वह जल्द से जल्द उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करें। जोगदंडे ने कहा – वर्तमान में, उनकी आर्थिक स्थिति खराब प्रतीत हो रही है। हमने जिला खेल अधिकारी से कहा है कि वह उन्हें तत्काल सहायता के रूप में पैसा प्रदान करें। उन्हें मुख्मंत्री स्वरोजगार योजना या अन्य योजनाओं के तहत लाभ दिया जाएगा ताकि वह आजीविका कमाने में सक्षम हों।
इधर मध्य प्रदेश के श्योपुर में सड़क किनारे जूता बेचने वाले की बेटी मधु आर्य ने हायर सेकेंडरी स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा की मेरिट सूची में 97% और तीसरा स्थान प्राप्त किया है। उसकी मां कहती है- हमने उसे बड़ी मुश्किल से शिक्षा दी लेकिन उसने कड़ी मेहनत की। हम बहुत खुश हैं।