New Delhi : सावन में रोज भगवान भोलेनाथ की उपासना करनी चाहिये। महादेव को सावन प्रिय है। इसी वजह से शिव की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है। इस माह में शुद्ध मिट्टी द्वारा निर्मित शिवलिंग के पूजन की अत्यंत महिमा बतलाई गई है। शिवलिंग में शिव-पार्वती व श्रीगणेश का निवास माना जाता है। अत: एक शिवलिंग के पूजन मात्र से सम्पूर्ण शिव परिवार की प्रसन्नता प्राप्त होती है। शिव तत्व के आठ भेद हैं- जल, अग्नि, वायु, ध्वनि, सूर्य, चंद्र, पृथ्वी व पर्वत। इन्हीं आठों का सम्मिश्रण प्रत्येक शिवलिंग में विद्यमान रहता है।
आज दिनांक 22-06-2020 को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में संध्या / सप्तर्षि आरती।#ShriKashiVishwanath #SandhyaAarti #SaptarshiAarti @PCSVishalSingh pic.twitter.com/wV72AagSZz
— Shri Kashi Vishwanath Temple Trust (@ShriVishwanath) June 22, 2020
सावन में रोज अथवा सोमवार को रुद्र पाठ करना चाहिये। लघु रुद्र, महारुद्र या अतिरुद्र का पाठ अवश्य करना चाहिये। वैवाहिक जीवन में कलह हो या विवाह में अड़चन आ रही हो तो मिट्टी के शिवलिंग बनाकर उस पर केसर या हल्दी मिला दूध चढ़ाने से लाभ मिलता है। ऐसा करने से आपके वैवाहिक जीवन में सुख और विवाह योग्य लोगों को मनचाहा रिश्ता मिलता है।
सावन के महीने में रोज सूर्योदय से पहले उठकर नहाने के पश्चात भगवान शिव का जलाभिषेक करने से भी मनोवांछित लाभ मिलता है। सुख और सौभाग्य की प्राप्ति के लिये सावन में प्रतिदिन 21 बेल पत्रों पर चंदन से “ऊँ नम: शिवाय” लिखकर उसे शिवलिंग पर चढ़ाएं। घर पर लगी बुरी नजर को दूर करने के लिये सावन महीन में गरीब और दीनदुखियों को दान करें और भोजन करायें। इससे घर में अन्न की भी कभी कमी नहीं होगी।
घर या परिवार में यदि मतभेद हो या मनमुटाव रहता हो तो सावन के महीने में घर में रोज गौमूत्र का छिड़काव करें। साथ ही गुग्गल की धूप दें। इन सारे उपायों को करने से जीवन के कष्ट दूर होंगे और मनोवांछित लाभ मिलेगा।