New Delhi : मौजूदा वित्त वर्ष में कोरोना आपदा और लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ा है। हालांकि, अगले वित्त वर्ष यानी 2021-22 में अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे संकते हैं। फिच रेटिंग एजेंसी के अनुसार अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के 9.5 फीसदी की दर से वृद्धि करने का अनुमान है। एजेंसी ने बुधवार को एक रिपोर्ट जारी कर यह बात कही है। रेटिंग एजेंसी ने मौजूदा वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के 5 फीसदी की दर से सिकुड़ने का अनुमान लगाया है। कोरोना वायरस से पहले ही अर्थव्यवस्था में सुस्ती बनी हुई थी।
APAC economic momentum should turn positive in 2H20 as domestic lockdowns are eased and external demand gradually improves, limiting the drop in regional economic output to 1.7% in full-year 2020. READ MORE: https://t.co/SjQvzrwfnC#COVID19 #coronavirus #creditmarket pic.twitter.com/aJkAD48Ejh
— Fitch Ratings (@FitchRatings) June 10, 2020
फिच रेटिंग्स ने रिपोर्ट में कहा- कोरोना वायरस महामारी ने भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ को काफी कमजोर किया है। सरकार पर भारी कर्ज के चलते कई चुनौतियां भी पैदा हुई हैं। रेटिंग एजेंसी ने आगे कहा- कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद देश की जीडीपी ग्रोथ रेट फिर से अच्छी होने की उम्मीद है। भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट अगले वित्त वर्ष में उच्च स्तर पर पहुंच सकती है। अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के 9.5 फीसद की दर से ग्रोथ करने की उम्मीद है।
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में भारत की ग्रोथ ‘BBB’ श्रेणी से ज्यादा होगी। भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए 25 मार्च से दुनिया का सबसे बड़ा लॉकडाउन लागू किया गया था। इसके चलते देश में आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। हालांकि, अब कई सारी ढील दिये जाने से धीरे-धीरे आर्थिक गतिविधियां सामान्य हो रही हैं।
लॉकडाउन से प्रभावित अर्थव्यवस्था को सपोर्ट करने के लिए केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज की घोषणा की थी। साथ ही रिज़र्व बैंक ने रेपो रेट में बड़ी कटौती की थी। भारत में बुधवार दोपहर तक कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 2,77,514 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 1,35,310 लोग ठीक हो चुके हैं और 1,34,434 लोग अभी भी कोरोना वायरस से संक्रमित हैं।