सबसे पहले शिक्षकों-डॉक्टरों को कोरोना का टीका, अक्टूबर में रूस चलायेगा सामूहिक वैक्सीनेशन प्रोग्राम

New Delhi : पूरी दुनिया कोरोना से जंग लड़ रही है। और सबकी निगाहें कोरोना वैक्सीन पर आकर टिक गई हैं। अभी विश्व में एक दर्जन से ज्यादा ह्यूमन ट्रायल्स पर दुनियाभर की नजर टिकी हुई है। भारत में भी दो स्तर पर ह्यूमन ट्रायल को मंजूरी दी गई है। ऐसी उम्मीद है कि जल्द ही तीसरे चरण की वैक्सीन जांच की प्रक्रिया भी शुरू होगी। इस बीच दुनिया में अलग अलग संस्थान ऐसा दावा कर रहे हैं कि साल के अंत तक या फिर 2021 की शुरुआत में वैक्सीन आ जायेगी और हम कोरोना वायरस संक्रमण को परास्त कर पाने में सक्षम हो पायेंगे।

बहरहाल इस सारे दावों के बीच रूस सरकार का दावा सबसे पहला और जबरदस्त है। समाचार एजेंसियां ऐसा दावा कर रही हैं कि अगस्त में वो रूस सरकार कोरोना वायरस वैक्सीन को मंजूरी दे सकती है। समाचार एजेन्सी रायटर्स ने भी इसकी जानकारी देते हुये कहा है कि रूस में व्यापक पैमाने पर सामूहिक वैक्सीनेशन प्रोग्राम चलाने की तैयारी चल रही है। अक्टूबर महीने में ही इसका आयोजन किये जाने की संभावना है।
बताया जा रहा है कि सबसे पहले शिक्षकों और डाक्टरों को सामूहिक वैकसीनेशन प्रोग्राम में शामिल करने की योजना पर अमल किया जायेगा। रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखैल मुराश्को ने कहा है- पूरे देश में सामूहिक वैक्सीनेशन प्रोग्राम की तैयारी चल रही है। सबसे पहले देश के डॉक्टरों और शिक्षकों को वैक्सीन दी जायेगी।

रूस के इन दावों से लोगों ने बड़ी राहत की सांस ली है। हालांकि ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा जैसे देशों को काफी झटका लगा है और वे इस तरह के आरोप लगा रहे हैं रूस ने उनकी टेक्नोलॉजी की चोरी कर ली है। यही नहीं हैकिंग के आरोप भी लग रहे हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि रूस जल्दबाजी में अंडर डेवलप्ड वैक्सीन को मार्केट में लाने की तैयारी कर रहा है। पर इन आरोपों से रूस की तैयारियों पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा।

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