New Delhi : PM Narendra Modi की अपील पर रविवार को पूरे दिन देश थम गया। Corona Virus के खिलाफ लड़ाई में सबनेअपनी भूमिका निभाई। ऐसे समय में कुछ लोग आर्थिक सहयोग देकर भी देश की सहायता कर रहा है। वेदांत के मालिक अनिल अग्रवालने जहां 100 करोड़ का दान कोरोना के लिये दिया है वहीं कई दूसरे लोग भी मदद को हाथ बढ़ा रहे हैं।
फिल्म मेकर मनीष मुंद्रा भी इस विपदा की घड़ी में देश की मदद के लिए आगे आए और उन्होंने 3 करोड़ रुपए दान में देने की घोषणा कीहै। दरअसल उनका ध्येय 70 वेंटिलेटर बनाने का है। उनका कहना है कि इसके लिए फंड तैयार है। उन्होंने ये भी बताया कि उनकेमुताबिक मैसूर का स्कैनरे अच्छा वेटिंलेटर बनाता है।
मनीष मुंद्रा हमेशा मीनिंगफुल फ़िल्में बनाने के लिये जाने जाते हैं। उनकी सारी फ़िल्में ही शानदार रहीं हैं। मसान, आंखोदेखी, धनक, न्यूटन, कड़वी हवा फ़िल्में बनाईं। बिहार के देवघर के रहनेवाले मनीष काफ़ी अभाव में पढ़े हैं। वे बहुत छोटे थे तभी उनके पिता कोबिज़नेस में बड़ा नुक़सान उठाना पड़ा। बाद के दिनों में वे पढ़ाई के साथ सड़कों पर हॉकर का काम करते थे ताकि घर चलाने में मदद करसकें। फिर वे अपने सपनों को पूरा करने के लिये नाइजीरिया गये और 2014 में इंडिया लौटकर फ़िल्ममेकर बन गये। उनका यह संघर्षबताता है कि वे अंदर से बहु मज़बूत हैं।
वेदांत रिसोर्सेज लिमिटेड के कार्यकारी अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने इसके लिए 100 करोड़ रुपए की मदद की है।
इधर अनिल अग्रवाल ने ट्वीट किया – मैं महामारी से लड़ने की दिशा में 100 करोड़ का योगदान कर रहा हूं। एक प्रतिज्ञा है जिसे हमने शुरूकिया है और यह ऐसा समय है जब हमारे देश को हमारी सबसे ज्यादा जरूरत है। कई लोग अनिश्चितता का सामना कर रहे हैं औरविशेष रूप से दैनिक वेतन भोगियों की स्थिति चिंता का विषय है। हम मदद करने के लिए हम सब कुछ करेंगे।
इधर कल शाम में मुकेश अंबानी ने भी छत के ऊपर जाकर घंटी बजाकर, जनता कर्फ्यू का स्वागत किया। उनका वीडियो सोशल मीडियापर वायरल हो रहा है। हालांकि आपदा कि इस घड़ी में उन्होंने कोई आर्थिक मदद नहीं की है।
महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने वेंटिलेटर्स बनाने से लेकर सैलरी देने का फैसला लिया है। उन्होंने ट्वीट किया – जानकारों के मुताबिक, बहुत हद तक यह संभव है कि भारत कोरोना वायरस के तीसरे स्टेज में पहुंच चुका है। अगर ऐसा है तो इससेलाखों लोगों के लिए खतरा बढ़ गया है। इससे हमारे मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर चरमरा सकती है।