New Delhi : 2019 के लोकसभा चुनाव में देश के सबसे बड़े लोकसभा क्षेत्र लद्दाख से एक 34 साल का युवा चुनकर आया। नाम है जामयांग सेरिंग नामग्याल। भारतीय जनता पार्टी से चुनकर लोकसभा पहुंचे। लेकिन तब किसी की नजर इस युवा सांसद पर नहीं गई, न ही वो किसी चर्चा के विषय बने। लेकिन जब मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटा दिया तो नामग्याल अपने भाषण से पूरे देश में छा गए। अनुच्छेद 370 हटाने के अगले दिन यानी 6 अगस्त को भरी संसद में इस अहिंदी भाषी क्षेत्र से आने वाले युवा सांसद ने हिंदी भाषा में जोरदार भाषण दिया।
#WATCH BJP MP from Ladakh, Jamyang Tsering Namgyal plays a traditional drum with locals while celebrating 73rd #IndiaIndependenceDay, in Leh. pic.twitter.com/2kipUbCTmL
— ANI (@ANI) August 15, 2019
Ladakh MP @MPLadakh celebrates in Leh on Independence Day after the abrogation of Article 370 and creation of Ladakh as a Union Territory. pic.twitter.com/SCpYGU1aCE
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) August 15, 2019
उनका ये भाषण काफी तर्कपूर्ण और प्रभावी था, जिसकी तारीफ खुद प्रधानमंत्री मोदी ने की और उनके पूरे भाषण को अपने सोशल मीडिया से शेयर भी किया। आज हम इसी युवा सांसद के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, जो कुछ ही सालों में निगम पार्षद से सीधा संसद भवन पहुंचे। नामग्याल लद्दाख के ही एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता मलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसि में कारपेंटर थे। नामग्याल का जन्म 4 अगस्त 1985 को लेह के माथो गांव में हुआ था। वह लद्दाख की पहाड़ियों में पले बढ़े और यहीं से ही अपनी 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की। नामग्याल को घूमने का भी शौक रहा जिसके कारण वो किशोर होते-होते लद्दाख के भोगोलिक क्षेत्र को पूरा जान गए।
Strong message from Ladakh MP Jamyang Tsering Namgyal along the Pangong Lake near Line of Actual Control (LAC) with China. Says, ‘we don’t want confrontation with any neighbouring country but won’t compromise on national security. We stand together as a nation’. pic.twitter.com/mADJ0kvNE5
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) June 7, 2020
उन्होंने केंद्रीय बौद्ध अध्ययन संस्थान, लेह से अपनी 12 वीं तक की पढ़ाई पूरी की। यहां के ज्यादातर क्षेत्र अविकसित हैं, जहां मूलभूत सुविधाएं भी मुश्किल से पहुंच पाती हैं। पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण यहां कड़ाके की ठंड पड़ती है। ऐसे वातावरण में अपनी 12वीं तक की पढ़ाई करने के बाद नामग्याल ग्रेजुएशन के लिए जम्मु चले गए। उन्होंने जम्मू विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। नामग्याल अपने क्षेत्र और वहां की संस्कृति के साथ-साथ यहां रहने वाले लोगों की जरूरतों को भी अच्छी तरह समझते थे। जैसे ही वो थोड़े समझदार हुए उन्होंने लद्दाख को एक केंद्रशासित प्रदेश बनाने का समर्थन करने वाले लोगों के साथ रहने लगे। वो कहते हैं कि जम्मू और कश्मीर के साथ लद्दाख जब तक रहा उसका विकास नहीं हो पाया क्योंकि ये एक बड़ा हिस्सा था।
Stunning skylines. Gorgeous landscape. And Jab We Met with BJP’s man of the moment. Young Ladakh MP Jamyang Tsering Namgyal. Don’t miss the banter with his better half who’s a PHD from JNU and a friend of Kanhaiya Kumar. She’s been tells her husband, ‘Sunne ki shamta rakhiye.’ pic.twitter.com/hw7B1IhTZS
— Rahul Kanwal (@rahulkanwal) August 17, 2019
आगे चलकर वो खुद जम्मु-कश्मीर से लद्दाख को अलग करने और उसे केंद्र शासित प्रदेश बनाने वाले आंदोलन के प्रणेता बने। आज लद्दाख के केंद्रशासित प्रदेश बनने और कश्मीर से अलग होने में नामग्याल का बड़ा योगदान है। नमाग्याल ने बहुत पहले जान लिया था कि अगर लाखों लोगो की इस मांग को पूरा करना है तो ये राजनीतिक रूप से ही संभव हो सकेगा। इसलिए वे राजनीति में आए। नामग्याल ने 2012 में एक साधारण पार्टी सदस्य के रूप में भारतीय जनता पार्टी को जॉइन किया था। यहां उन्हें बीजेपी के कार्यालय में केयरटेकर का काम सौंपा गया जिसे नामग्याल ने स्वीकार किया। यहां वो अनपढ़ लोगों की चिट्ठियां लिखा करते थे और जो लोग पार्टी सदस्यता पाने के लिए आते थे उनका फॉर्म भरा करते थे। राजनीति में उतरने से पहले, वे 2011-12 से ऑल लद्दाख स्टूडेंट एसोसिएशन, जम्मू के अध्यक्ष रह चुके थे।
WATCH | "Time has come for us to take back Aksai Chin," says Ladakh MP Jamyang Namgyal to NDTV#IndiaChinaFaceOff pic.twitter.com/oJSRnaCRC2
— NDTV (@ndtv) June 18, 2020
इसके बाद, उन्होंने लद्दाख के संसद सदस्य श्री थुप्टन छेवांग के निजी सचिव के रूप में काम किया। अपनी किस्मत आजमाते हुए उन्होंने लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद का चुनाव लड़ा और वो चुनकर पार्षद बन गए। पार्षद बनने के बाद वो सीधा सांसद बने। पार्षद रहते हुए उन्होंने अपने क्षेत्र में पकड़ बना ली थी। वो अपने जोरदार भाषण के लिए जाने जाते थे। यही खूबी देखकर भाजपा ने इस युवा नेता को 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट दे दिया और वो जनता द्वारा भारी मतों से चुनकर लोकसभा पहुंचे। अनुच्छेद 370 हटने के बाद लद्दाख के इस लाल का जोरदार भाषण पूरे भारत ने सुना और प्रधानमंत्री मोदी तक उनके फेन हो गए। उन्होंने नामग्याल को अपना युवा दोस्त बताया। और उनका भाषण सुनने की अपील की।