New Delhi : टीवी चैनलों को रेटिंग जारी करनेवाली संस्था बार्क (BARC) ने न्यूज चैनलों को टीआरपी रेटिंग जारी करने पर तीन महीने या यूं कहें की 12 हफ्ते की रोक लगा दी है। इन तीन महीनों में किसी भी न्यूज चैनल की टीआरपी रेटिंग जारी नहीं होगी। इसी महीने फर्जी टीआरपी रेटिंग विवाद के बाद बार्क ने यह बड़ा फैसला लिया है। बार्क का मानना है कि इन बारह हफ्तों में रेटिंग से जुड़ी खामियों को दूर कर लिया जा सकता है। बारह हफ्ते में इंटरनली उन प्वाइंटस को चेक, रीचेक किया जायेगा, जिसकी मदद लेकर खामियों को दूर किया जायेगा।
BARC India to pause audience estimates (ratings) of news channels
To know more – https://t.co/JVywt62HC2
— BARCIndia (@BARCIndia) October 15, 2020
A welcome move … BARC suspends ratings for 3 months after the TRP scam was unearthed. If the system is broke, fix it ! Lets hope this paves the way for authentic ratings as part of wider system where advertisers also play their part in 'rewarding' journalism, not hate.
— Vishnu Som (@VishnuNDTV) October 15, 2020
Days after the alleged fake TRP scam surfaced, BARC has proposed to review the current standards of measuring and reporting the data of niche genres.@BARCIndia #TRPScam #BARC #BARCIndiahttps://t.co/CRIVJBiyc4
— moneycontrol (@moneycontrolcom) October 15, 2020
बता दें कि इस महीने बार्क ने तीन चार न्यूज चैनलों का हवाला देते हुये एक एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें आशंका व्यक्त की गई थी कि संस्था से किसी न किसी तरह से जुड़े लोगों से जोड़तोड़ करके टीआरपी रेटिंग्स में हेराफेरी की गई। यही नहीं मुम्बई पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल करते हुये महाराष्ट्र के दो स्थानीय चैनलों के निदेशकों को गिरफ्तार कर लिया गया। मामले में मुम्बई पुलिस के कमिश्नर परमबीर सिंह ने सुशांत प्रकरण की अपनी व्यक्तिगत खुन्नस निकालते हुये रिपब्लिक न्यूज चैनल के खिलाफ सबूत होने की बातें कहीं। यही नहीं उन्होंने आरोप लगाया कि मीटर प्वाइंटस पर पांच-पांच सौ रुपये देकर रिपब्लिक ने अपनी रेटिंग बढ़वाई।
दूसरी तरफ रिपब्लिक न्यूज चैनल ने एफआईआर की कॉपी सबके सामने सार्वजनिक करते हुये कहा कि एफआईआर में इंडिया टुडे ग्रुप को नामजद कराया गया और पुलिस ने बदनाम करने के लिये रिपब्लिक को निशाना बनाया। तुरंत यह मामला टीआरपी विवाद से इंडिया टुडे ग्रुप और रिपब्लिक चैनल विवाद के बीच में तब्दील हो गया। दोनों ग्रुप के बड़े बड़े नाम, लगभग सभी पत्रकार एक दूसरे की कंपनी पर लांछन लगाने लगे। इस विवाद की व्यापकता ने बहुत बड़ा असर डाला है।
FIR filed by BARC for forcefully bringing Arnab and Republic's name into the TRP scandal.
Now what will you say Parambir coward Singh???
None of your tactics is working,you are doomed, your reign is falling.#IStandWithRepublic#RepublicFightsBack pic.twitter.com/Rlb9kfuob7— Kishor | Justice For Sushant🔥🔱 (@Aadiyogii07) October 8, 2020
#RepublicFightsBack | India today is in shock, both the country and the channel. I need to use the Robert Vadra phrase, 'Are you serious? Are you serious? Are you serious?': @ARanganathan72, scientist & author https://t.co/T8qpopBHkf
— Republic (@republic) October 8, 2020
I'm a data scientist and I'm curious which data suggests that everything else is better but places of worship r worst .
Wht was the source of the data & what was the sampling strategy?
Or was it done the same way u guys have been tricking the #TRPScam 😏https://t.co/N7ZycVqxNE— Arnab Goswami (@justiceForSSR77) October 14, 2020
This video makes me wonder: does news mirror the times in which we live? Was the world less ugly, spiteful, less polarised 20 years ago? Or did News tv just lose its moral compass and become more noisy? Thought for the day. Responses welcome!🙏 https://t.co/ennFQQgC9j
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) October 13, 2020
बार्क इंडिया बोर्ड के चेयरमैन पुनीत गोयनका ने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए यह फैसला बेहद जरूरी था। बोर्ड का मानना है कि बार्क को अपने कड़े प्रोटोकॉल का रिव्यू करना चाहिये ताकि फर्जी टीआरपी जैसी घटनाएं फिर सामने न आयें। सीईओ सुनील लुल्ला ने कहा कि हम बार्क में अपनी भूमिका को पूरी ईमानदारी और लगन से निभाते हैं और वही रिपोर्ट करते हैं, जो देश देखता है। हम ऐसे और विकल्प तलाश रहे हैं, जिससे ऐसी गैर-कानूनी कामों पर पूरी तरह रोक लगाई जा सके।