New Delhi : हरियाणा में एक गांव हैं कोसली, रेवाड़ी जिले में पड़ता है। इस गांव में देशभक्ति का जज्बा कूट कूट कर भरा हुआ है। पहले विश्वयुद्ध में कोसली के नौ वीर जवान वीरगति को प्राप्त हुए। यहीं से इस गांव की शौर्य गाथा शुरु हुई। शौर्य की बात हो या फिर आस्था की यहां के सैनिक व मठ देश-विदेश तक में अपनी पहचान रखते हैं। दूसरे विश्वयुद्ध में इस गांव से 247 लोगों ने भाग लिया। इनमें से छह वीरगति को प्राप्त हुए थे। देश की कोई लड़ाई हो या फिर किसी ऑपरेशन की बात यहां का वीर जवान की भागेदारी हर जगह दिखाई देती है।
रेवाड़ी हरयाणा, जहाँ सबसे ज्यादा फौजी है। हर घर में फौजी है, खास तौर से कोसली सब-डिवीज़न।#भारतीय_सेना
— सुनील S. (@sunilsanatan) February 18, 2020
सुरेहलि (कोसली) रेवाड़ी में "शहीद सम्मान समारोह" में शिरकत कर देश व प्रदेश के वीर जवानों की शहादत को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
13वीं कुमाऊं बटालियन के सभी 114 शहीदों को 56वें शहादत दिवस पर याद किया जिन्होंने भारत-चीन युध्द में अपने प्राण दे दिये पर लद्दाख नहीं दिया। pic.twitter.com/UIGPgQ8vXx— Ashok Tanwar (@Tanwar_Indian) November 17, 2018
यह गांव इलाके में बहादुरी के लिए जाना जाता है। इस गांव के एक युवक को जंगी इनाम दिया गया था। जो आज भी उनके परिवार को दिया जा रहा है। इसके बाद इस गांव से 1939 से 1945 की जंग में एक दर्जन से अधिक लोगों को अपनी बहादुरी दिखाने पर सेना में अंग्रेजों ने अफसर बनाया। इसी गांव के मेजर उमराव सिंह को मिलिट्री कार्स से सम्मानित किया गया।
इस गांव से करीब पांच ब्रिगेडियर, 25 कर्नल और तीनों सेनाओं में करीब 106 अफसर हैं। इसके अतिरिक्त गांव के ही सुधीर यादव पुलिस में आईजी हैं। मेजर जरनल यशवंत यादव जो मेजर उमराव सिह के पोते हैं और राष्ट्रपति से सम्मानित हैं। इसके अतिरिक्त आरपीएफ और बीएसएफ में भी 50 से अधिक अफसर इसी गांव से हैं। गांव के रावरामनारायण देवीलाल सरकार में एमएलए 1977 में बने थे। इसके बाद 1987 में पुन: एमएलए बनने के बाद मंत्री बने। कोसली को लंबे इंतजार के बाद 1978 में सब तहसील व एक नवम्बर 1989 को सब डिविजन का दर्जा मिला।
लोग हमे राष्ट्रवाद सिखाते हैं लेकिन उन्हें नहीं पता कि हरियाणा के लोगों को किसी से राष्ट्रवाद सीखने की जरूरत नहीं है और इस इलाके से तो सबसे ज्यादा जवान सेना में गए हैं धारा 370 हटने का सबसे ज्यादा फायदा इस इलाके को होगा – सीएम @mlkhattar #JanAashirwadYatra कोसली पीपली अड्डा pic.twitter.com/aUDkmQ9BlY
— Haryana Fights Corona (@JanAashirwad) August 27, 2019
वीर अहीर सैनिक इतिहास शोध संस्थान द्वारा प्रथम विश्व युद्ध 19,546 अहीर सैनिक विभिन्न मोर्चापर अहमभूमिका का संक्षिप्त वर्णन किया था1914 के प्रथम युद्ध सेयहां के युवा सेना में प्रथम विश्वयुद्ध में कोसली से247लोगों ने भाग लिया थाअनेकों मैडल जीते । डॉ ईश्वर सिंह यादव रेवाड़ी अहिरवाल
— Soni Yadav (@officialsoni_sp) June 7, 2020
#जय__हिंद, ———————————–
सेना मे लैफ्टिनैंट बनी गांव सुरेहली (कोसली) की रहने वाली गरीमा यादव पुत्री श्री अशोक यादव पोत्री श्री डॉ0 मुनीलाल यादव जी को सेना में लैफ्टिनैंट बनने पर बधाई,
गरिमा यादव ने गांव का नाम ही नहीं बल्कि, पूरे देश प्रदेश का नाम रोशन pic.twitter.com/1ojosEgrju
— अनिल यदुवंशी गैलपुरिया हिन्दू राष्ट्र मेरा स्वपन🚩 (@AniLGaiLpuRiYa) March 10, 2020
सेवानिवृत्त डॉ. सुचेत, पूर्व पंच राजीव यादव, अभे सिंह नम्बरदार ने बताया कि करीब 800 साल पहले गांव के एक हिस्से में बाबा मुक्तेश्वरपुरी तपस्या में लीन थे। शेखावटी के राजा कोसल सिंह यहां से गुजरते समय रात होने के कारण यहां रुके तो बाबा ने उन्हें यहीं बसने को कहा। उन्होंने कहा कि आपसे इस गांव को ना तो कोई जीत सकेगा और ना ही हरा सकेगा। हरियाणा के पहले इंजीनियर महासिंह इसी गांव से थे। कोसली के लिए लोग शिक्षा के लिए दूसरे शहरों में जाते हैं।
लोग हमे राष्ट्रवाद सिखाते हैं लेकिन उन्हें नहीं पता कि हरियाणा के लोगों को किसी से राष्ट्रवाद सीखने की जरूरत नहीं है और इस इलाके से तो सबसे ज्यादा जवान सेना में गए हैं धारा 370 हटने का सबसे ज्यादा फायदा इस इलाके को होगा-@mlkhattar #JanAashirwadYatra कोसली पीपली अड्डा pic.twitter.com/2lEiCDxJTJ
— Sanjay Bhatia (@bjpsanjaybhatia) August 27, 2019
कोसली गांव का मठ कोसलीया गोत्र का आस्था का केन्द्र बना है। गांव में विद्यमान कोसली का मठ विदेशों में भी प्रसिद्ध है। दुनिया के किसी भी कोने में कोसलीया गोत्र के घर पर शुभ कार्य विवाह, बच्चा जन्म होने यहां तक नौकरी पाने पर यहां कोसली मठ में मत्था टेकने जरूर आते हैं। कोसली मठ को कोसलीया गोत्र के ही नहीं बल्कि सभी गोत्रों के लोग पूजते हैं।