New Delhi : भारतीय जवान केवल दुश्मनों से लोहा ही नहीं लेते बल्कि हमेशा मानव सेवा की नई मिसालें पेश करते हैं। लोगों की मदद करने को तत्पर रहते हैं। चाहे मामला असम की बाढ़ का हो या फिर बिहार बाढ़ की तस्वीर। बिना सेना की मदद के लोगों की जीवन पटरी पर आ ही नहीं पाती और अगर अपनी सेना के जवान मैदान में उतर आये तो लोगों को तसल्ली होती है कि अब तो सबकुछ ठीक हो जायेगा। अभी लेटेस्ट मिसाल उत्तराखंड में पेश की है आईटीबीपी के जवानों ने। एक गरीब और निसहाय घायल महिला मरीज के लिये सेना के जवानों ने ऐसा किया है जिसकी जितनी प्रशंसा की जाये कम है।
Kudos to the ITBP officials @ITBP_official for rescuing this injured woman from the difficult terrain….. https://t.co/8CTAnqtNqV
— Swati Lakra (@SwatiLakra_IPS) August 23, 2020
आईटीबीपी के जवानों ने 22 अगस्त शनिवार को यह मिसाल पेश की। उत्तराखंड के सीमांत गांव से एक घायल महिला मरीज को रेस्क्यू किया। उन्होंने मानसून प्रभावित इलाकों में पहाड़ी रास्तों को पार कर 15 घंटों में महिला को सड़क मार्ग तक पहुंचाया, जहां से उसे अस्पताल ले जाया गया। आईटीबीपी के अफसरों ने पूरे मामले की जानकारी देते हुये बताया कि टीम में 25 जवान शामिल थे। जिन्होंने पिथौरागढ़ के मुनस्यारी डिविजन के सीमांत गांव लास्पा से महिला को रेस्क्यू किया।
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के मुनस्यारी डिविजन के सीमांचल गांव लास्पा से 20 अगस्त को महिला अपने घर के पास पहाड़ी से गिर गई थी। हादसे में उसका पैर टूट गया था और इलाज न मिलने की वजह से उनकी हालत गंभीर होती जा रही थी। आईटीबीपी के अफसरों ने बताया- खराब मौसम होने की वजह से हेलिकॉप्टर दो दिन बाद भी नहीं पहुंच सका। इसके बाद आईटीबीपी के जवानों ने अपने बॉर्डर पोस्ट से गांव जाकर महिला की जान बचाने का जिम्मा उठाया। 14वीं बटालियन के जवानों ने मानसून से बुरी तरह प्रभावित इलाकों को पार कर स्थानीय महिला को पास के सड़क मार्ग तक पहुंचाया।
#Uttrakhand में एक घायल महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए @ITBP_official के जवानों ने 'शौर्य – दृढ़ता- कर्म निष्ठा' को चरितार्थ करते हुए यह साबित कर दिया है कि #ITBP केवल सीमा ही नहीं, अपितु देश के नागरिकों की प्रहरी भी है।
देश के इन वीर सपूतों को नमन् है!@PMOIndia @HMOIndia https://t.co/5tHhA7KiQ6
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) August 23, 2020
जवान शनिवार को मिलम बेस से करीब 22 किलोमीटर दूर महिला के गांव पहुंचे। उन्होंने ज्यादातर दूरी पैदल ही तय की। गांव पहुंचने के बाद आईटीबीपी के 25 जवानों ने बारी-बारी से उफनते नालों, लैंडस्लाइड वाले इलाकों और फिसलन भरे ढलानों का सामना करते हुए करीब 15 घंटों में करीब 40 किलोमीटर का सफर तय कर महिला को स्ट्रेचर के जरिये सड़क मार्ग तक पहुंचाया। जहां से महिला को अस्पताल ले जाया गया। अब महिला की हालत स्थिर बताई जा रही है।
सेवा परम धर्मः।
ITBP jawans of 14th Battalion carrying an injured woman on stretcher in Pithoragarh District on 22 August, 2020. Jawans carried her to nearest road head covering 40 Kilometres mountainous route on foot in 15 hours. She is being treated and stable now.#Himveers pic.twitter.com/1FYx5VS8QA— ITBP (@ITBP_official) August 23, 2020
स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्द्धन ने ट्वीट किया- #Uttrakhand में एक घायल महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए @ITBP_official के जवानों ने ‘शौर्य – दृढ़ता- कर्म निष्ठा’ को चरितार्थ करते हुए यह साबित कर दिया है कि #ITBP केवल सीमा ही नहीं, अपितु देश के नागरिकों की प्रहरी भी है। देश के इन वीर सपूतों को नमन् है!