देशभक्ति की मिसाल- जिंदगीभर भीख मांगकर जाम किये 6.61 लाख, सारे शहीदों के परिवार को दिये

New Delhi : यह समाजसेवा और देशभक्ति की यह अद्भुत कहानी है। एक ऐसी महिला की कहानी जो तमाम उम्र भीख मांगती रही लेकिन जाने से पहले पूरे उम्र की जमापूंजी देश के नाम लुटाते चली गई। उसने पूरे इंडिया का दिल जीत लिया। यह कहानी है अजमेर में मंदिर के बाहर भीख मांगने वाली वृद्ध महिला नंदनी शर्मा की। उन्होंने भीख मांग कर जो पैसे इकट‍्ठा किये थे उसे बैंक ऑफ बड़ौदा में जमा किये थे और दुनिया को अलविदा कहने से पहले मंदिर के ट्रस्टियों को देशहित में किसी नेक कार्य में पैसा खर्च करने को कह गईं थी।

उनकी इच्छानुसार उनके जीवन भर में जमा की गई राशि पुलवामा में शहीद जवानों के परिवारों को समर्पित कर दी गईं। दरअसल, नंदनी ने 2018 में दुनिया को अलविदा कहते हुये अपनी इच्छा मंदिर के ट्रस्टियों के सामने व्यक्त की थी। अजमेर के बजरंग गढ़ स्थित माता मंदिर पर पिछले 7 साल से देवकी शर्मा भीख मांगकर गुजारा करती थीं।
जाने से पहले इस महिला ने लोगों की दी गई भीख से 6,61,600 रुपये जमा किये थे, जो बजरंगगढ़ चौराहा स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के अकाउंट में जमा थे। लेकिन इस महिला ने अपने जीवनकाल में ही जय अम्बे माता मंदिर के ट्रस्टियों से यह कहा था कि उसके जाने के बाद इस राशि को किसी नेक काम में खर्च किया जाये।
मंदिर ट्रस्टी संदीप के अनुसार, नंदनी शर्मा की अंतिम इच्छा को अब जाकर पूरा किया गया जब यह राशि अजमेर कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा को एक बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से सौंपी गई। महिला ने अपने जीवन काल में ही उन्हें इस राशि का ट्रस्टी बना दिया था और आज यह संपूर्ण राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष के लिए समर्पित की गई है। इस महिला के अंतिम इच्छा के अनुरूप इस राशि का उपयोग पुलवामा के शहीद हुए राजस्थान के शहीदों के परिवार को आर्थिक संबल प्रदान करने में किया जाएगा।

मालूम हो कि नंदनी भीख से जमा हुए पैसों को घर पर रखती थी। उनके जाने के बाद जब उसके बिस्तरों की जांच की गई तो उसमें डेढ़ लाख रुपए और निकले। इस राशि को भी समिति ने बैंक में जमा करवा दिये। देवकी की इच्छा थी की इस राशि का उपयोग अच्छे कार्य के लिए किया जाए। इसी दौरान पुलवामा की घटना के बाद राशि को शहीद परिवार को दिए जाने पर सहमति जताई।

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