New Delhi : सबसे लंबी नदी ब्रह्मपुत्र पर आज 24 अगस्त से रोप-वे का संचालन शुरू हो गया। यह देश का सबसे लंबा रोप-वे भी है। यह ब्रह्मपुत्र नदी के एक छोर को उत्तरी गुवाहाटी से जोड़ती है। इस रोपवे का उद्घाटन सोमवार को असम के स्वास्थ्य मंत्री हेमंता बिस्वा सरमा और गुवाहाटी विकास विभाग के मंत्री सिद्धार्थ भट्टाचार्य ने किया। यह रोप-वे 1.8 किलोमीटर लंबा है। इस में दो केबिन हैं, हर केबिन में 30 यात्री बैठ सकते हैं। यह रोपवे गुवाहाटी में कचहरी घाट से उत्तरी गुवाहाटी के डोल गोविंदा मंदिर तक बनाया गया है।
Built at a cost of 56 crore, the ropeway comprises of two cabins,each with capacity of 30 passengers and one operator; Inaugurating the ropeway, @himantabiswa said this is one of the most advanced and longest river crossing Aerial Tramway systems in India. pic.twitter.com/QhbzQaAvAQ
— DD India (@DDIndialive) August 24, 2020
Assam Ministers Himanta Biswa Sarma and Siddhartha Bhattacharya today inaugurated the Guwahati Ropeway over Brahmaputra river. Umananda Doley, CEO, Guwahati Development Dept (GDD) says, "This the longest ropeway over a river, it's length is 1.82 kilometres." pic.twitter.com/UAjVwXFCYr
— ANI (@ANI) August 24, 2020
56 करोड़ रुपये की लागत से इस रोप-वे का निर्माण किया गया है। हालांकि इससे ब्रह्मपुत्र नदी पार करना आसान तो हो गया है लेकिन महंगा काफी है। एक तरफ से दूसरी तरफ जाने के लिये इसका किराया 100 रुपये होगा। मंत्री ने कहा- इसमें सभी सुरक्षा उपकरणों का ध्यान रखा गया है। इसको बनाने में हर स्तर पर लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया है। वैसे रोप-वे सेवा शुरू होने से लोगों को गुवाहाटी और उत्तर गुवाहाटी के बीच यात्रा करने में कम समय लगेगा। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि इस रोप-वे सेवा शुरू होने से असम में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
A DREAM FULFILLMENT : Nation's Longest River Ropeway on Brahmaputra Opened Today for Public in Guwahati pic.twitter.com/8GNhysEvQH
— I Love Siliguri (@ILoveSiliguri) August 24, 2020
फिलहाल कोरोना गाइडलाइन के मद्देनजर एक बार में केवल 15 यात्रियों को ही यात्रा करने की अनुमति होगी। जबकि इसकी क्षमता 30 यात्रियों की है। इस रोपवे से यात्री गुवाहाटी शहर की खूबसूरती के साथ विशाल ब्रह्मपुत्र और पिकॉक आइलैंड में बने उमानंद मंदिर का नजारा आसानी से देख पायेंगे। यात्रियों की सहूलियत का पूरा ध्यान रखा गया है।