New Delhi : यूरोपियन फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडिज का कहना है – 15 जून को एक्चुअल लाइन ऑफ कंट्रोल के पास गलवान घाटी में चीन ने भारतीय जवानों पर सोची समझी साजिश के तहत हमला किया। यह हमला हाल ही के महीनों में पड़ोसी देशों पर चीन की बढ़ती आक्रामकता को दिखाता है। 20 भारतीय जवान भी इस हिंसक झड़प में शहीद हुये। यूरोपियन थिंक-टैंक का कहना है – यह हमला जानबूझकर और सोची-समझी साजिश के तहत किया गया था। ऐसा करके चीन ने साफतौर पर दशकों पहले दोनों देशों के बीच हुये समझौते का उल्लंघन किया है।
Good news. Indian Army has given complete freedom to Commanders on the ground at Line of Actual Control with China to act in any extraordinary situation at tactical level. India has changed rules of engagement after the deadly Galwan Valley clash in which 20 bravehearts died.
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) June 20, 2020
करीब 45 साल के बाद एलएसी पर ऐसी घटना हुई। चीनी हमले ने हाल के वर्षों में भारत के लिये सुरक्षा को लेकर गंभीर चुनौती पैदा कर दी है। साथ ही इस तरह की आक्रामकता भविष्य में तनावपूर्ण संबंधों की ओर गहराने के संकेत दे रही है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि चीन द्वारा किया गया हमला दोनों देशों के लिए 21वीं सदी में टर्निंग पॉइंट साबित हो रहा है। दोनों देशों के बीच तनाव और गहराने के साथ ही नये विवादों के जन्म लेने की आशंका बढ़ेगी। यूरोपियन थिंक-टैंक का कहना है – भारतीय सैनिकों पर हमला चीन की हठधर्मिता को दिखाता है।
चाहे वह दक्षिण चीन सागर हो, ताइवान हो या हॉन्गकॉन्ग हो, हर जगह चीन अपने पांव पसारने में लगा हुआ है। चीन पूरे क्षेत्र में अपने कदम बढ़ा रहा है। दक्षिण चीन सागर में मलेशियाई और वियतनामी जहाजों को रोकना, हॉन्गकॉन्ग में नई ताकतें जमाना और दो बार संवेदनशील वियतनाम की खाड़ी में एयरक्राफ्ट करियर के जरिये अपने मंसूबों को जाहिर कर चुका है।
India rejects China's claim over Galwan Valley, Indian Ministry of External Affairs calls the assertion by China "untenable" and "unacceptable".@sidhant and @alysonle with more! pic.twitter.com/4cC2pMGiv9
— WION (@WIONews) June 20, 2020
यह स्पष्ट नहीं है कि इस तरह की आक्रामकता से चीन अंतरराष्ट्रीय आलोचना के जवाब में अपनी ताकत और इरादे का प्रदर्शन कर रहा है। कोरोना की उत्पत्ति और प्रसार को लेकर कई देशों ने चीन को जवाबदेह ठहराया है। एम्स्टर्डम के थिंक-टैंक ने कहा – यह स्पष्ट नहीं है कि चीन ऐसी हरकतों से अंतरराष्ट्रीय कानूनों, सम्मेलनों और मानदंडों की सीमाओं का टेस्ट कर रहा है?