New Delhi : फर्जी कागजात और बिना वेरिफिकेशन किए हजारों Arms Licence जारी करने के आरोप में सीबीआई ने Kashmir Cadre के 2010 बैच के IAS RAJIV RANJAN को सोमवार को चंडीगढ़ में गिरफ्तार कर लिया। वे कश्मीर के कुपवाड़ा जिले केडीसी रह चुके हैं। वहीं, देर रात 2013 से 2015 तक कुपवाड़ा के DM रहे ITARIT Hussain को भी गिरफ्तार कर लिया गया।सीबीआई की स्पेशल क्राइम ब्रांच ने दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार और Arms Act के तहत केस दर्ज किया है।
2016 से 2017 तक कुपवाड़ा में तैनाती के दौरान राजीव रंजन ने करीब 30,000 आर्म्स लाइसेंस जारी किए। उन्होंने प्रति लाइसेंस 8-10 लाख रुपए लिए। ये लाइसेंस कश्मीरियों को ही नहीं बल्कि चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा, यूपी और राजस्थान समेत अन्य राज्यों के लोगोंको भी फर्जी कागजातों पर कश्मीरी बताकर दिए थे। अब सीबीआई पता लगा रही है कि ये लाइसेंस किन लोगों को बांटे गए। आशंकाहै कि ज्यादातर लाइसेंस आतंकियों व गैंगस्टरों ने बनवाए ताकि वे बिना रोक टोक कहीं भी हथियार लेकर आ जा सकें।
राजीव रंजन की गिरफ्तारी से पहले सीबीआई ने जम्मू–कश्मीर सरकार से इजाजत ली, क्योंकि वे कश्मीर काडर के हैं। वे इन दिनों मेट्रोरेल कॉर्पोरेशन जम्मू में तैनात हैं। अब सीबीआई उन्हें सोमवार को कश्मीर लेकर जाएगी और जेएंडके कोर्ट में पेश कर दोबारा रिमांडहासिल करेगी।
फर्जी हथियार लाइसेंस मामले के तार राजस्थान से भी जुड़े हुए हैं। पुलिस ने रंजन के भाई ज्योति रंजन को 2017 में गिरफ्तार कर फर्जीहथियार लाइसेंस पकड़े थे। उस समय डीजीपी रहे ओपी गिल्होत्रा ने शक जताया था कि इसमें राजीव रंजन का भी हाथ हो सकता है।श्रीगंगानगर में 2007 में फर्जी हथियार लाइसेंस के मामले सामने आए थे। उस समय करीब आधा दर्जन केस दर्ज हुए। इसके साथ हीतत्कालीन दाे–तीन आईएएस की सुपरविजन मामले में लापरवाही मानी गई थी। संबंधित शाखा के दाे लिपिकाें और एक सहायककर्मचारी पर भी विभागीय कार्रवाई की गई थी। पूरे मामले कई आर्मी अफसर भी लिप्त माने गए। जम्मू से यहां आकर फर्जी दस्तावेजाेंके आधार पर लाइसेंस जारी करवा लिए थे। यहां शहर के कुछ हथियार विक्रेताओं की भूमिका भी जांच के दायरे में रही थी।
हथियार लाइसेंस रैकेट में कई आईएएस अफसर सीबीआई के रडार पर हैं। जांच एजेंसी ने पिछले दिनों कुछ अफसरों के घराें व दफ्तराेंपर भी छापेमारी की थी। इनमें उधमपुर की पूर्व डीएम यशा मुदगिल, किश्तवाड़ के पूर्व डीएम सलीम मोहम्मद, पुलवामा के पूर्व डीएमजहांगीर अहमद मीर और डोडा के पूर्व डीएम फारूक अहमद खान भी शामिल हैं।