New Delhi : प्रवर्तन निदेशालय ने मेदांता मेडिसिटी हॉस्पिटल के मैनेजिंग डाइरेक्टर और कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर नरेश त्रेहान के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में मामला दर्ज किया गया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने गुरुग्राम में मेदांता हॉस्पिटल के लिये जमीन आवंटन के एक मामले में उनके और 15 और लोगों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। ईडी के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया – गुरुग्राम पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज करने के बाद ईडी ने यह कदम उठाया है।
This is the same case which is handed over to ED Delhi by Gurugram Police. Complainant Raman Sharma is a known extortionist. The complaint is nothing but harassment by him who has chosen to file this complaint while we are in midst of a global pandemic: Dr Naresh Trehan to ANI https://t.co/ttiGrwn300
— ANI (@ANI) June 10, 2020
इससे पहले 6 जून को गुरुग्राम के सदर पुलिस स्टेशन में डॉ. त्रेहान के खिलाफ इसी मामले में केस दर्ज हुआ था। गुरुग्राम के मालिबू टाउन निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट रमन शर्मा की शिकायत पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अश्विनी कुमार ने पुलिस को रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया था। एफआईआर में गुरुग्राम के सेक्टर 38 में मेडिसिटी हॉस्पिटल के लिए 53 एकड़ की जमीन के आवंटन में अनियमितता की बात कही गई है। इस जमीन से 2004 में स्थानीय लोगों को बेदखल किया गया था। पुलिस ने उन पर पीएमएलए के अलावा, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और आईपीसी की कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया था।
मेदांता ने आरोपों को झूठा बताया है। डॉ. त्रेहान ने न्यूज एजेंसी को बताया कि यह वही मामला है, जिसे गुरुग्राम पुलिस ने ईडी को सौंपा है। शिकायत करने वाले रमन शर्मा के खिलाफ पहले से ही अवैध वसूली के मामले दर्ज हैं। उसकी शिकायत उत्पीड़न के अलावा और कुछ नहीं है। उसने शिकायत करने के लिए ऐसा समय चुना है, जब हम एक वैश्विक महामारी से जूझ रहे हैं। एफआईआर में डॉ. नरेश त्रेहान के अलावा सुनील सचदेवा, अतुल पुंज, अनंत जैन, एसएएस इन्फोटेक, जीएल एशिया मॉरीशस, डुर्नन इंवेस्टमेंट्स (मॉरिशस), नरेश त्रेहान एंड एसोसिएट्स हेल्थ सर्विसेज, ग्लोबल इंफ्राकॉन, पुंज लॉयड, हुडा (हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन) के चीफ एडमिनिस्ट्रेटर, गुरुग्राम में हुडा के एडमिनिस्ट्रेटर, एस्टेट ऑफिसर-2 हुडा और हरियाणा के हेल्थ सर्विसेस के डायरेक्टर जनरल के नाम शामिल हैं।
हरियाणा पुलिस की एफआईआर के मुताबिक सरकार ने 2004 में सार्वजनिक उद्देश्य से स्थानीय लोगों को उनकी जमीन से बेदखल कर दिया था, जिसे अभी सेक्टर 38 कहा जाता है। इसके बाद राज्य सरकार ने हुडा के तहत एक मेडिसिटी प्रोजेक्ट के लिए विज्ञापन निकाला। इसके तहत इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के सुपर-स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, मेडिकल इंस्टीट्यूट और रिसर्च सेंटर बनाये जाने थे।
शिकायत में कहा गया है – नियमों को ताक पर रखकर केवल अस्पताल बनाकर छोड़ दिया गया। सरकारी अधिकारियों ने डॉ. त्रेहान और सुनील सचदेवा, अतुल पुंज, अनंत जैन को फायदा पहुंचाया। सरकारी अधिकारियों ने मेडिसिटी की पूरी जमीन त्रेहान को आवंटित कर दी।