New Delhi : देश में कोरोना वायरस के मामले 1.40 लाख के पार पहुंच गये हैं। देश में कोरोना वायरस के विकराल रूप लेने के बाद 24 मई को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा है कि उन्हें बार-बार इस मुद्दे को उठाते हुए कष्ट बहुत होता है लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं है कि मार्च के महीने में राजधानी दिल्ली में हुए तबलीगी जमात के इवेंट के बाद देश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ गये।
#WATCH: Enough has been discussed & debated about it. I feel bad to raise this issue every now & then: Union Health Minister Dr. Harsh Vardhan on being asked by BJP's GVL Narasimha Rao, "If Tablighi Jamaat event was a take of point for corona in India?" pic.twitter.com/yqsP33JhIb
— ANI (@ANI) May 24, 2020
हर्षवर्धन से भारतीय जनता पार्टी नेता जीवीएल नरसिम्हा राव ने सवाल किया था कि क्या भारत में तबलीगी जमात के बाद कोरोना ने तेजी पकड़ी? इसके जवाब में हर्षवर्धन ने कहा- सच बात यह है कि यह बात पुरानी हो चुकी है। इस पर चर्चा भी बहुत हो चुकी है और विश्लेषण भी बहुत हो चुका है। हमको बार-बार इस मुद्दे को उठाते हुए कष्ट बहुत होता है लेकिन इसमें कोई दोमत नहीं है कि मार्च के दूसरे हफ्ते के आसपास जब दुनिया में तेजी से संक्रमण हो रहा था और भारत में पहला केस आने के बाद डेढ़ महीना बीत चुका था। देश में मामलों की संख्या मामूली थी। थोड़े से राज्यों में थोड़े मामले थे और उस समय ये दुर्भाग्यपूर्ण, दुखद और गैर-जिम्मेदाराना घटना हुई।
केंद्रीय स्वास्थ्य स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जहां दुर्घटना हुई, उसमें न कोई सोशल डिस्टेंसिंग थी, दिल्ली में कानूनन ऐसी स्थिति थी कि 10-15 से ज्यादा लोग एकसाथ इकट्ठा नहीं हो सकते थे और उस समय कम से कम एक-डेढ़ दर्जन देशों के लोग वहां आए थे। उस समय सारे देशों से आने वाले लोग भारत में बीमारी ला रहे थे। बिना प्रशासन को सूचना के और बिना सोशल डिस्टेंसिंग के हजारों लोगों का साथ रहना, जब जानकारी मिली उसके बाद उनको वहां से हटाया गया। बहुत से लोग पहले ही जा चुके थे।
उसके कारण शायद सारे देश में हर प्रांत में मामलों की संख्या अचानक बढ़ी लेकिन देश के सभी राज्य सरकारों और विशेषकर स्वास्थ्य मंत्रालयों, गृह मंत्रालय के अधिकारियों, आईटी विभाग, एनएसए, गृह मंत्री और एक्सपर्ट्स ने जो मदद की उससे हजारों लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की गई, आइसोलेट किया गया। बहुत बड़ा झटका देश को लगा और केस बढ़ने के परिणामस्वरूप लॉकडाउन का रास्ता अपनाने का फैसला किया गया। इसकी चर्चा की जरूरत नहीं है क्योंकि ज्यादातर लोगों को ट्रेस किया गया, आइसोलेट किया गया, इलाज किया गया। सभी वर्गों-समुदाय के लिए सीख है कि देश जब मिलकर कोई फैसला करता है तो उसमें अनुशासन का सबको पालन करना चाहिए, सबके हित में होता है, स्वास्थ्य के लिए भी, समाज की सुरक्षा के लिए भी।