New Delhi : 2019 की यूपीएससी परीक्षा जिसका परिणाम इस साल अगस्त में आया। इस बार कई एवरेज स्टूडेंट्स ने अपना नाम टॉपर्स की लिस्ट में शामिल किया है, उनमें से एक नाम बिहार की रहने वाली दिव्या शक्ति का भी है। दिव्या की कहानी और उनकी स्ट्रेटजी दूसरे छात्रों से काफी अलग है। उन्होंने बिना कोचिंग घर पर रहकर अपने दूसरे प्रयास में न सिर्फ परीक्षा को पास किया बल्कि अच्छी रेंक भी पाई। देखने में आता है कि इस परीक्षा के लिए छात्र सालों मेहनत करते हैं लेकिन दिव्या ने ठीक से एक ही साल की तैयारी कर इस परीक्षा में ऑलओवर 79 रेंक पाई।
DIVYA SHAKTI RANK 79 UPSC CSE 2019 TOPPER | IASbaba’s ILP Student | UPSC Topper Strategy Interview
Cracks UPSC Exam in her 2nd Attempt, Geography Optional.https://t.co/dwT0uzO0Q5
— IASbaba (@iasbaba123) August 15, 2020
Watch Divya Shakti, IAS, AIR 79, UPSC CSE 2019, Rank 79, Topper, UPSC Result, Achievement, KSG Indiahttps://t.co/PLIixVFeCZ
— Khan Study Group (@khanstudygroup) August 14, 2020
#संघ_लोक_सेवा_आयोग (#UPSCResults) परीक्षा के अंतिम परिणाम #IAS श्रेणी से #छपरा_सरण को एक बार पुनः गौरवान्वित करने एंव युवाओं को प्रेरणा देने के लिए आप तीनों को #धन्यवाद
53rd #aashish_kumar
79th #divya_shakti
194th #annapurna_singh pic.twitter.com/VOcW1M3jl1— Juhi Singh shandilya (@JuhiSin49214394) August 4, 2020
इससे पहले जब उन्होंने पहली बार परीक्षा दी थी तो वो एक अच्छी खासी जॉब कर रही थीं जिसे छोड़कर वो सिविल सेवा में आईं। साल भर की तैयारी में ही बिना कोचिंग के दिव्या ने सफलता अपनी स्ट्रेटजी के दम पर पाई है जिसे आज आपको भी जानना चाहिए।
दिव्या बिहार के सारण जिले के जलालपुर के कोठयां गांव की रहने वाली हैं। गांव भले ही अविकसित और अशिक्षित माना जाता हो लेकिन दिव्या के परिवार में सभी पढ़े लिखे हैं। उनके पिता जिला अस्पताल में मेडिकल सुपरीटेंडेंट और भाई स्कूल में शिक्षक हैं। गांव में भले ही पढ़ाई का माहौल न हो लेकिन दिव्या के घर शुरू से ही पढ़ाई लिखाई का अच्छा माहौल था। दिव्या ने अपनी 12वीं तक की पढाई पूरी करने के बाद बिट्स पिलानी इंजीनीयरिंग इंस्टीट्यूट से उन्होंने कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया। इसके बाद उन्होंने इकोनॉमिक्स से एमए किया। यहां से उन्हें केंपस प्लेसमेंट के जरिए एक अमेरिकन इन्वेस्टमेंट बैंक में नौकरी मिली जिसे उन्होंने दो साल तक किया। क्योंकि दिव्या जो जॉब कर रही थीं हालांकि उसकी सेलरी सही थी लेकिन उन्हें उसमें अपना भविष्य नहीं दिखता था। इसलिए उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी का मन बनाया।
Oh them #childhood days! When we used to put in extra hours of study to be able to watch #Chitrahar on Wednesdays! When entire summer vacation was spent watching special prog for kids #tarang!
Kudos to how this remains one of the most sane channels in today’s cacaphonous media! https://t.co/CZ5EhfG6YI— Divya Shakti (@shakti_divya) September 15, 2020
A well-timed video for all the 2020 aspirants! https://t.co/lD3hltnFDd
— Divya Shakti (@shakti_divya) September 8, 2020
Just finished reading ‘Ethical Dilemmas of A Civil Servant’ by @swarup58 Sir. An enriching read for aspirants and newcomers to the service! pic.twitter.com/GP0RpbIHgH
— Divya Shakti (@shakti_divya) September 1, 2020
दिव्या जॉब छोड़ने से पहले ये कन्फर्म करना चाहती थीं कि क्या सिविल सेवा में जाना उनके लिए सही रहेगा और क्या वो इसकी तैयारी कर पाएंगी इन सभी आशंकाओं को दूर करने के लिए उन्होंने परीक्षा की जानकारी जुटाना शुरू किया। उनके पिता ने कहा कि एक दफा परीक्षा देकर देख लो तो उन्होंने नौकरी करते हुए ही परीक्षा दी। इस दौरान उन्होंने बिल्कुल भी तैयारी नहीं की थी। नतीजा ये हुआ कि वो प्री में ही फेल हो गईं। इसके बाद उन्होंने परीक्षा का सारा पैटर्न समझा, सिलेबस को स्टडी किया जिसके बाद उन्होंने पूरी तैयारी के साथ अपना दूसरा अटेम्प्ट दिया। इस बार वो प्री से लेकर इंटरव्यू तक गईं और रिजल्ट आया तो उनका नाम टॉपर की लिस्ट में था।
दिव्या अपनी पीछे की इस कामयाबी के पीछे कोई चमत्कार को नहीं मानती न ही वो मानती हैं कि परीक्षा को पास करने के लिए 3 या 4 साल की तैयारी और कोचिंग की जरूरत है। इसके पीछे की अपनी स्ट्रेटजी बताते हुए वो विद्यार्थियों से कहती हैं कि सबसे पहले तो सभी के मन में ये तय होना चाहिए कि यूपीएससी में क्यों जाना है। अगर संकल्प पक्का हो तभी तैयारी करनी चाहिए। परीक्षा की तैयारी के बारे में दिव्या का कहना है कि इसके लिए विद्यार्थी को अपने अंदर उन योग्यताओं को विकसित करना ही होगा जो यूपीएससी एसपीरेंट्स से मांगता है।
कोचिंग के बारे में वो कहती हैं कि आपको कोचिंग जाने से पहले अपना बेसिक मजबूत कर लेना चाहिए जिससे हो सकता है आप अपने भीतर उस समझ को विकसित कर लें सो कोचिंग के माध्यम से छात्रों को दी जाती है। इसके लिए वो 10वीं से लेकर 12वीं तक की सभी एनसीईआरटी किताबें पढ़ने की सलाह देती हैं। उनका कहना है कि ये पहला कदम होता है इस ओर हमारी रुचि को निखारने का। फिर इसके बाद जैसे जैसे आपका बेस बनता जाता है आप आगे बढ़ते जाते हैं।